Hindi Shayari 2020 New Fresh Hindi Poetry 1000+ - Wishes, Shayari, Kahani

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Monday, January 20, 2020

Hindi Shayari 2020 New Fresh Hindi Poetry 1000+

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Hindi Shayari
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Best 1000+ Hindi Shayari list.


निगाहों में मंजिल थी
गिरे और गिरकर संभलते रहे
हवाओं ने बहुत कोशिश की
मगर चिराग आँधियों में जलते रहे ।

अगर लगने लगे कि लक्ष्यह हासिल नहीं हो पाएगा
तो लक्ष्यल को नहीं अपने प्रयासों को बदलें |

उड़ता हुआ गुबार सर-ए-राह देख कर
अंजाम हमने इश्क़ का सोचा तो रो दिए
बादल फिजा में आप की तस्वीर बन गए
साया कोई ख्याल से गुजरा तो रो दिए।

गम के अंधेरों में खुद को बेकरार ना कर सुबह जरूर आएगी सुबह का इंतजार कर |

हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन
उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर।

हम अपना दर्द किसी को कहते नही
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही |

अरमान कोई सीने में आग लगा देता है
ख्वाब कोई आकर रातों की नींद उड़ा देता है
पूंछता हूँ जिससे भी मंज़िल का पता अब तो
वो रास्ता तेरे घर का ही बता देता है |

किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना
मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।

बाहर से सूरज की गर्मी की तरह अंदर से बारिश की बूंदो की तरह क्या बोलू उसके बारे में..वो तो हैं घने बादलो में इंद्र धनुष की तरह |

दुसरे के दोष पर ध्यान देते समय हम स्वयं बहुत भले बन जाते हैं। परंतु जब हम अपने दोषों पर ध्यान देंगे। तो अपने आपको कुटिल और कामी पाएँगे।

कागज़ पे हमने भी ज़िन्दगी लिख दी
अश्क से सींच कर उनकी खुशी लिख दी
दर्द जब हमने उबारा लफ्जों पे
लोगों ने कहा वाह क्या गजल लिख दी |

काँच का तोहफा ना देना कभी
रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना
अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है |

वो मेरी हर दुआ में शामिल था जो किसी और को बिन मांगे मिल गया |

कल रात को सपने में तुमसे मुलाकात हुई थी कुदरत के नजारों के बीच बहुत सारी बात हुई थी हमने रावी के किनारे पे खूब ठहाके मारे थे भीग गए थे अंदर तक प्यार की इतनी बरसात हुई थी |

उस के चहरे पर लिखे है दिल के अफ़साने कई
वो किताबे-ज़िन्दगी का इक सुनहरा बाब है |

कुछ तुम कहो
कुछ हम कहे और एक कहानी बन जाये एक रोज़ पड़ेंगे लोग इन्हे और मिसालें हमारी बन जाये |

बीवी भी हक जताती है
माँ भी हक जताती है
शादी के बाद आदमी कश्मीर हो जाता है ।

तेरी दुआओं का असर है
जो अब तक मैं सलामत हूँ.! तेरी आँखों की नमी नहीं
हाथों की लकीरों में बस्ता हूँ मैं जानता हूँ जान-ए-जहाँ
तुझे बस मोहब्बत है मुझ से तेरी साँसों की राह पकड़ तेरी रूह में बस्ता हूँ |

सफ़र लम्बा है दोस्त बनाते रहिये
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये
ताजमहल न बनाईये महंगा पड़ेगा
मगर हर तरफ मुमताज़ बनाते रहिये।

पडेगा हम सभी को अब खुले मैदान मे आना घरों मे बात करने से ये मसले हल नही होंगे |

प्यार की जंग में जो खुद ही हार जाते हैं वही तो जिंदगी में अपना प्यार पाते हैं। दुनिया कहती रहे बातें इधर -उधर की मुहब्बत को पाकर वह खुद मुस्कराते हैं।

नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं
हम घबरा कर आँखें झुका लेते हैं
कौन मिलाये उन आँखों से आँखें
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं।

मुस्कुराती आँखों से अफ़साना लिखा था
शायद आपका मेरी ज़िन्दगी में आना लिखा था तक़दीर तो देखो मेरे आँसू की उसको भी तेरी याद मे बह जाना लिखा था |

उस घड़ी देखो उनका आलम नींद से जब हों बोझल आँखें
कौन मेरी नजर में समाये देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।

शिवराय का नारा लगा के!! दुनिया मै हम छा गये!! दुश्मन भी छुपकर बोले वो देखो!! शिवराय के शिवभक्त आ गये |

कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती
सब कुछ मिल जाता है लेकिन “माँ” नहीं मिलती माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते
खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती |

तुम शब्दों की जादूगर हो
मै ख़ामोशी का सौदागर हू
तुम ने जब चाहा
जो चाहा
कह दिया
मै हर बार
हर बात हंस कर सह गया।

कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता
कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता
दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं
पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता |

कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं
हम तो बस एक ही चेहरे से प्यार करते हैं
ना छुपाया करो तुम इस चेहरे को
क्योंकि हम इसे देख के ही जिया करते हैं |

जान देने का कहा मैंने तो हँसकर बोले
तुम सलामत रहो हर रोज के मरने वाले
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल
आप आते ही रहे मर गये मरने वाले।

राखी का त्यौहार था राखी बंधवाने को भाई भी तैयार था भाई बोल बहना मेरी अब तो राखी बाँध दो
बहना बोली “कलाई पीछे करो
पहले रुपये हज़ार दो “ |

चाहा है तुझ को तेरी तग़ाफ़ुल के बावजूद; ए ज़िन्दगी तू याद करेगी कभी हमें |

लोग दौलत देखते हैं
हम इज़्ज़त देखते हैं
लोग मंज़िल देखते हैं
हम सफ़र देखते हैं
लोग दोस्ती बनाते हैं
हम उसे निभाते हैं |

सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।

जिंदगी में कभी उदास ना होना कभी किसी बात पर निराश ना होना ये जिंदगी एक संघर्ष है चलती ही रहेगी कभी अपने जीने का अंदाज ना खोना |

प्यासी ये निगाहें तरसती रहती हैं; तेरी याद में अक्सर बरसती रहती हैं; हम तेरे ख्यालों में डूबे रहते हैं; और ये ज़ालिम दुनिया हम पे हँसती रहती है।

प्यार कोई दीया नहीं
जब चाहा जला दिया बुझा दिया
ये बालू का महल नहीं
जब चाहा बना लिया मिटा दिया
ये रस है जो दिल की गहराइयों से लिकलता है
ये बच्चों का खेल नहीं
जिसे चाहा हरा दिया जिता दिया |

कहने को ही मैं अकेला हूं पर हम चार है एक मैं मेरी परछाई मेरी तन्हाई और तेरा एहसास |

हसरत थी सच्चा प्यार पाने की
मगर चल पडी आँधियां जमाने की
मेरा गम कोई ना समझ पाया
क्युँकी मेरी आदत थी सबको हसाने की |

मेरी ज़िन्दगी में खुशियाँ तेरे बहाने से है
आधी तुझे सताने से है
आधी तुझे मनाने से है |

जिन्दंगी को समझना बहुत मुशकिल हैं. कोई सपनों की खातिर “अपनों” से दूर रहता हैं और
कोई “अपनों” के खातिर सपनों से दूर |

इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना
कि तेरी चाहतों से चलती है हैं मेरी साँसे।

आप ने की बेवफाई
मगर मैं अभी वफ़ा करता हूँ
कही आखो में ना आजाए आँसू
इसलिए मुस्कुराते रहता हूँ!!

चले जायेंगे एक दिन तुझे तेरे हाल पर छोड़कर कदर क्या होती हैं प्यार की तुझे वक़्त ही सीखा देगा |

दोस्ती नाम है सुख दुख की कहानी का
दोस्ती नाम है सदा मुस्कुराने का
यह कोई पल भर की पहचान नही
दोस्ती नाम है सदा साथ निभाने का |

मेरी हैसियत से ज्यादा मेरे थाली में तूने परोसा है
तु लाख मुश्किलें भी दे दे मालिक
मुझे तुझपे भरोसा है।

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं|

जब महफ़िल में भी पास हो
रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो
तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो।

मैं शिकायत करूँ तो क्यों करूँ
ये तो किस्मत की बात है
तेरी सोच में भी नहीं मैं
और तू मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ याद है|

कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।

मेरी आँखों में झाँकने से पहले
जरा सोच लीजिये ऐ हुजूर जो हमने पलके झुका ली तो कयामत होगी
और हमने नजरें मिला ली तो मुहब्बत होगी।

जब जेब में पैसे होते हैं
तो तुम बुद्धिमान और सुंदर लगते हो तथा उस समय तुम अच्छा गाते भी हो।

ओरे ए ढाल का अकेलापन है मेरा तेरी चाहत भी कोणी अर तेरी ज़रूरत भी सै।

दिल के समंदर की सतह पे आके सुन
खामोशीया किस कदर सौर मचाती है
दर्द को बहुत मनाया ऑखो से ना छलके
दुनिया बेकार मे झुटी बाते बनाती है।

बहुत सोचा बहुत समझा बहुत ही देर तक परखा
कि तन्हा हो के जी लेना मोहब्बत से तो बेहतर है।

अब ये न पूछना की ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाती हूँ
कुछ चुराती हूँ दर्द दूसरों के
कुछ अपने सुनाती हूँ|

वादे उनके और यादें उनकी हैं दिन हैं उनके और रातें उनकी हैं इंतजार उनका मुलाकात उनकी है खुशियां उनसे और सांसे उनकी हैं |

जाम में अफ़साने ढूंढते हैं हम लोग
लम्हों में ज़माने ढूंढते हैं हम लोग
तु ज़हर दे दे शराब कह कर सनम
अब तो मरने के बहाने ढूंढते हैं हम लोग!!

पहचान कहाँ हो पाती है
अब इंसानों की
अब तो गाड़ी
कपडे लोगों की
औकात तय करते हैं |

मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।

मदहोश हम हरदम रहा करते हैं
और इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं
कसूर शराब का नहीं उनका है यारों
जिनका चेहरा हम हर जाम में तलाश किया करते हैं!!

दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता वहीं होता है जहाँ एक हल्की सी मुस्कराहट और छोटी सी माफ़ी से ज़िन्दगी दोबारा पहले जैसी हो जाती है |

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !! यहाँ सब लोग कहते हैं
मेरी आंखों में आँसू हैं ! जो तू समझे तो मोती है
जो ना समझे तो पानी है !!

चला था ज़िकर ज़माने की बेवफाई का
सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही।

लिख दूँ तो लफज़ तुम हो
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो।

तुम भी करके देख मोहब्बत किसी से जान जाओगे की हम मुश्कुराना क्यों भूल गए |

जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे रोते है मगर आँखों में आँसूं नहीं होते |

किसी लिबास की ख़ुशबू जब उड़ के आती है तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है तेरे बगैर मुझे चैन कैसे पड़ता है मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है |

यही बहुत है कि तुमने पलट के देख लिया
ये लुत्फ़ भी मेरी उम्मीद से कुछ ज्यादा है।

बहुत छुपा कर रखा था तेरी मोहब्बत का राज़ सबसे ! तेरी याद आते ही ये अश्क सब बयान कर देते हैं |

खा कर ज़ख़्म दुआ दी हमने
बस यूही उमर बीता दी हमने
देख कर जिसको दिल दुखता था
आज वो तस्वीर जला दी हमने!!

तुम थोड़ी सी ‪#‎फुलझड़ी‬ क्या हुई पूरा मौहल्ला ही ‪#‎माचिस‬ हो गया |‬‬

मेरे अस्कों से भीगी हैं
जाने कितनी तस्वीर तुम्हारी
तुम झलक दिखाकर चली गयी
और बदल गयी तकदीर हमारी |

तेरी अक्टिवा जावे साइलेंट मोड पेमेरी बुलेट छोड़े पटाखे हर रोड पेहथियार इतने हैँ के छोरी तन्ने तोल दूँ औरमेरे यार इतने हैँ के तेरे पूरे शहर ने फोड़ दूँ |

किसी ना किसी पर किसी को ऐतबार हो जाता है
अजनबी कोई सखा यार हो जाता है
खूबियाँ से नहीं होती मोहब्बत सदा
कमियों से भी अकसर प्यार हो जाता है।

मत करना अभिमान खुद पर ऐ इन्सान तेरे और मेरे जैसे कितनो को खुदा ने माटी से बनाकर माटी में मिला दिया |

कृपया दान पेटी में 500 अथवा 1000 के नोट न डालें।

तुझे कुछ इस तरह सजाएंगे
चाँद नहीं अपनी कायनात बनाएंगे
तोड़ना-टूटना
ये दिल की अदा है
तुझे हम अपनी रूह मे समाएंगे |

हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए
पर “माँ “अकेली ही काफी है
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!

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तेरी चुप्पी का सबब हम जानते है
लरज़ते होंठों की शिकायत हम जानते है
मेरी हिचकी भी दे रही है गवाही मुहब्बत की
तेरे पलकों की हरकत भी हम जानते है ।

दिल से रोए मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे
यूँही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे
वो हमे एक लम्हा ना दे पाए अपने प्यार का
और हम उनके लिए अपनी ज़िंदगी गवां बैठे |

मेरी यादो मे तुम हो
या मुझ मे ही तुम हो
मेरे खयालो मे तुम हो
या मेरा खयाल ही तुम हो
दिल मेरा धडक के पूछे
बार बार एक ही बात
मेरी जान मे तुम हो
या मेरी जान ही तुम हो |

कुछ रिश्तों को कभी भी नाम ना देना तुम इन्हें चलने दो ऐसे ही इल्ज़ाम ना देना तुम ॥ ऐसे ही रहने दो तुम तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में के अल्फ़ाज़ों को मेरे अंज़ाम ना देना तुम ॥

रात भर जागते रहने का सिला है शायद
तेरी तस्वीर सी महताब में आ जाती है।

कान्हा तुम जो मिल गए तो ये लगता है के खुदाई मिल गयी साँसों में ऐसे राम गए हो की जैसे फूलों में खुशबू मिल गयी. हैप्पी जन्माष्टमी |

ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।

मेरी वफ़ाएँ याद करोगे
रोओगे फरियाद करोगे
मुजको तो बर्बाद किया हे
अब ओर किसे बर्बाद करोगे |

अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है।

यूँ चाँद भी तन्हा है
चांदनी के बगैर
मेरा दिल भी तन्हा है तेरी याद के बगैर |

खुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है |

कुछ इम्तिहानो को
कुछ जुबानो को
बंद आँखों से सह गए वो ना कमजोरी थी
ना ही जी हुजूरी थी बस कुछ मज़बूरी थी जो अपना हर कदम कांटो पर चल गए वो |

मोहब्बत करने चला है
तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ दोस्त इसमें हंसते साथ हैं
पर रोना अकेले ही पड़ता है|

उन लोगों का क्या हुआ होगा. जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा. किनारे पर खड़े लोग क्या जाने. डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा |

तू चाँद और सितारा होंदा। आसमान में एक घर हमारा होंदा। लोग तने दूर त देखदे। धोरे त देखण का हक़ बस हमारा होंदा।

मुहब्बत ने आज हुमको रुला दिया
जिस पर मरते थे उस ने ही भुला दिया
हम भी उस की याद भूलने क लिए पीते गये
एक दिन बेवफा ने उस मे भी ज़हर मिला दिया!!

वो जोश-ए-तन्हाई शब-ए-ग़म
वो हर तरफ बेकसी का आलम
कटी है आँखों में रात सारी
तड़प तड़प कर सहर हुयी।

तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई; आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई; मोहब्बत करके क्या पाया मैंने; वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई |

मेरी तन्हाइयां करती हैं जिन्हें याद सदा
उन को भी मेरी ज़रुरत हो ज़रूरी तो नहीं।

जुल्मो सितम सहते रहे एक बेवफा की आस मे ! डुबो दिया मुझे दरिया ने दो घूट की प्यास में |

किसी की मजबूरी का.मजाक ना बनाओ यारों ज़िन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है |

हर आहट पर तेरी ही तलाश है
आंखो को तेरी ही प्यास है
ना यााद आओ हमें इतना कि दिल हमेशा पूछे
धड़कन किसके पास है |

मोहब्बत में जब मुझे धोखा मिला तो ज़िन्दगी में चारो ओर उदासी छा गयी सोचा था की आग लगा दूंगा इस दुनिया को पर कम्भख्त कॉलोनी में दूसरी आ गयी |

सकून मिलता है जब उनसे बात होती है
हज़ार रातों में वो एक रात होती है
निगाह उठाकर जब देखते हैं वो मेरी तरफ
मेरे लिए वो ही पल पूरी कायनात होती है।

एक सी शोखी खुदा ने दी है हुस्नो-इश्क को
फर्क बस इतना है वो आंखों में है ये दिल में है।

मोहब्बतों की हदें देखना चाहता है हमारी सब्र हमारा अब आज़माने लगा है वो |

उसका हुसन गया कलेजा चीर
नयनों से छूटा एक तीर
वो मुस्कराई
नज़दीक आई
और बोली ” राखी बन्धवाले मेरे वीर “ |

ये बेवफा
वफा की कीमत क्या जाने ! ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने ! जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर ! वो भला प्यार की कीमत क्या जाने |

जब तक न लगे एक बेवफाई की ठोकर
हर किसी को अपने महबूब पे नाज़ होता है।

सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से या तो दोनों आते हैं
या कोई नहीं आता |

कोई रास्ता नही दुआ के सिवा
कोई सुनता नही खुदा के सिवा
मैने भी ज़िंदगी को करीब से देखा है मेरे दोस्त
मुस्किल मे कोई साथ नही देता आँसू के सिवा |

उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो; जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो; इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है; इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो |

लगता है तुम्हें नज़र में बसा लूँ
औरों की नजरों से तुम्हें बचा लूँ
कहीं चूरा ना ले तुम्हें मुझसे कोई
आ तुझे मैं अपनी धड़कन में छुपा लूँ |

प्यारा नंदकिशोर है मेरा माखनचोर इसने बांधी मुझ संग प्रीत की डोर मेरी पलकें झुकें तो नमन हो जाये याद उसको करूँ तो दर्शन हो जाये. सबको कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

जहन में हर शाम यादें तुम्हारी आ बैठती हैं ऐसे किसी दीवार पर दोपहर की धूप चढ़ी हो जैसे |

तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ मदहोश हूँ अभी थोड़ी देर में लिखता हूँ |

तुम सा कोई दूसरा जमीन पर हुआ
तो रब से शिकायत होगी
एक को तो झेला नहीं जाता
दूसरा आ गया तो क्या हालत होगी।

हमारी गलतियों से कही टूट न जाना
हमारी शरारत से कही रूठ न जाना
तुम्हारी चाहत ही हमारी जिंदगी हैं
इस प्यारे से बंधन को भूल न जाना |

बहोत सताया करे मन्नै यो सवाल कै आपा मिलै ही क्यों जब बिछड़ना ए था।

फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना
कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं।

एक लहर तेरे ख़्यालों की
मेरे वजूद को भिगो जाती हैं
एक बूंद तेरी याद की
मुझे इश़्क के दरिया में डुबो जाती हैं|

ऐ शम्मा तुझपे ये रात भारी है जिस तरह
हमने तमाम उम्र गुजारी है उस तरह।

इतनी खूबसूरती कभी नही देखी
बनाने वाला भी बना के हैरान होगा आपको
खूबसूरती की जिंदा मिसाल हो तुम
खुदा भी देखकर हैरान होगा आपको |

संघर्ष में आदमी अकेला होता है
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है
उसीने इतिहास रचा है |

मुझको अज़ीज़ है वही मोहब्बत जिसमें उजड़ गया संसार मेरा |

पैसा आपका सेवक है। यदि आप उनका उपयोग जानते हैं; वह आपका स्वामी है। यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते।

कितने चेहरे हैं इस दुनिया में
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है
दुनिया को हम क्यों देखें
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।

कोई रूठे अगर तुमसे तो उसे फ़ौरन मना लेना
इस हाल में अक्सर जुदाई जीत जाती है।

तू जो नहीं तो बिन तेरे शामें उदास हैं
ढूंढें तुझे कहाँ कहाँ आँखें उदास हैं
इक चाँद ही नहीं है जो पूछे तेरा पता
देखा नहीं है जो तुझे मेरी राहें उदास हैं |

मुलाक़ातें तो आज भी हो जाती है तुमसे ख़्वाब किसी “ताले” के मोहताज नही हैं तेरी आँखों से यून तो सागर भी पिए हैं मैने तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने |

ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है
कितनी मासूम और नादान है ये
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है।

चलो बिखरने देते है जिंदगी को अब
सँभालने की भी तो एक हद होती है।

सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करो क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो कुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती |

गुलाब की महक भी फीकी लागे है। कोण सी खुसबू मेर म बसागी तू। ज़िन्दगी है के तेरी चाहत के सिवा। यो किसा ख्वाब आंखां न दिखागी तू।

ले लो ना वापिस वो तड़प वो आंसू वो यादें सारी
नही कोई जुर्म मेरा तो फिर ये सजायें कैसी |

भीड़ की आदत नहीं मुझे
थोड़े में जीना सीख लिया है मैंने
चन्द दोस्त हैं
चन्द दुआएं हैं
बस इन खुशियों को गले लगा लिया मैंने ।

उल्फत का यह दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है |

कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम
रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी।

तू आ च ना आ पर तेरी याद तो नुए आवेगी।

Love Shayari In Hindi


साथ अगर दोगे मुस्कराएंगे जरूर
प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे जरूर
राह में कितने काँटे क्यों ना हो
आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएँगे जरूर |

रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।

हर दिल का एक राज़ होता है
हर बात का एक अंदाज़ होता है जब तक ना लगे बेवफ़ाई की ठोकर
हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है |

वो बेवफा नहीं है
हमको यकीन है बस इम्तहान लेने का खुदा शौकीन है न आने का सबब महज मजबूरियाँ रही होंगी वरना दोस्ती के कितने ही उनके लम्हे हसीन हैं |

तन्हाईयों में मुस्कुराना इश्क है; एक बात को सबसे छुपाना इश्क है; यु तो नींद नहीं आती हमें रात भर; मगर सोते-सोते जागना और जागते-जागते सोना इश्क है |

लगे हे इल्ज़ाम दिल पे जो मुझ को रुलाते है
किसी की बेरूख़ी और किसी और को सताते हे
दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गये अलविदा
लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है!!

कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें।

इतणा बुरा तो पहले करया ढोंग क्युज म तेरा ए सुं तो इब मॊन क्युज म तेरा नही तो मेरी निन्दा क्युज तु मेरी नहीं तो म जिन्दा क्यु |

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।

दिलवाले तो और भी होंगे तुम्हारे शहर में मगर
हमारा अंदाज़-ए-वफ़ा तुम्हे हमेशा याद आएगा!!

बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है । तड़प उठता हूँ दर्द के मारे
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है । अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।

कृष्णा तेरी गलियों का जो आनंद है
वो दुनिया के किसी कोने में नहीं । जो मजा तेरी वृंदावन की रज में है
मैंने पाया किसी बिछौने में नहीं ।

सुबह का नजारा भी क्या खूब है
फिर क्यों मुझसे दूर मेरा महबूब है
हमें आती है पल पल आपकी याद
ये आपकी निगाहों का कुसूर है |

माथे को चूम लूँ मैं और उनकी जुल्फ़े बिखर जाये
इन लम्हों के इंतजार में कहीं जिंदगी न गुज़र जाये |

तलाश हे एक ऐसे सख्स की
जो आँखों में उस वक्त दर्द देख ले जब दुनिया हमसे कहती हे क्या यार तुम मुस्कुराते बहुत हो |

परिंदों को मंज़िल मिलेगी यक़ीनन ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर जमाने में ज़िनके हुनर बोलते हैं |

आ जाओ किसी रोज़ तुम तो तुम्हारी रूह मे उतर जाऊँ ! साथ रहूँ मैं तुम्हारे ना किसी और को नज़र आऊँ ! चाहकर भी मुझे कोई छू ना सके मुझे कोई इस तरह ! तुम कहो तो यूं तुम्हारी बाहों में बिखर जाऊँ |

हक़ीकत जान लो जुड़ा होने से पहले
मेरी सुन लो अपनी सुनने से पहले
ये सोच लेना भूलने से पहले
बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले!!

मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!

अब तो गम सहने की आदत सी हो गयी है रात को छुप – छुप रोने की आदत सी हो गयी है तू बेवफा है खेल मेरे दिल से जी भर के हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है |

जाम तो यू ही बदनाम है यारों कभी इश्क करके देखो
या तो पीना भूल जाओगे या फिर पी-पी के जीना भूल जाओगे!!

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चाहो तो छोड़ दो चाहो तो निभा लो मोहब्बत तो हमारी है पर मर्ज़ी सिर्फ तुम्हारी है |

रख लू नज़र में चेहरा तेरा
दिन रात इस पे मैं मरती रहू
जब तक ये साँसे चलती रहे
मैं तुझसे मोहब्बत करती रहू|

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं |

जीना चाहते हैं ज़िन्दगी रास नहीं आती मरना चाहते हैं मौत पास नहीं आती बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से उनकी यादें तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती |

आग सूरज में होती है जलना ज़मीन को परता हैं मोब्बत निगाहैं करती हैं तरपना दिल को परता हैं |

बड़ी दिल-फरेब थी वो मोहब्बत धुंधला से रहे हैं जिसके फ़साने |

हम कोई तर्क ए वफ़ा करते हैं तू ना सही तेरी याद ही सही |

उनका हर अंदाज़ हकीकत है या ख्वाब है
खुशनसीबों के पास रहते हैं वो
मेरे पास तो बस उनकी मीठी सी याद है |

इतने ज़ख़्म खाए हुए है
अब इश्क़ भी होता नही
दर लगता है इस ज़माने में
कहीं सब बेवफा तो नही!!

सदीयो से जागी आँखो को एक बार सुलाने आ जाओ
माना की तुमको प्यार नहीं नफरत ही जताने आ जाऔ
जिस मोङ पे हमको छोङ गये हम बैठे अब तक सोच रहे
क्या भुल हुई क्यो जुदा हुए बस यह समझाने आ जाओ |

नेचर का हर रंग आप पे बरसे हर कोई आपसे होली खेलने को तरसे रंग दे आपको मिल के सारे इतना की आप वो रंग उतारने को तरसे होली की हार्दिक शुभकामनाएं |

डूबती हैं ज़िन्दगी
ग़म के सागर में कभी बच निकलने की तुम्ही
बस आस लगते हो मुझे |

ख़्वाबों से मुझको और न बहला सकेगी रहने दे ज़िन्दगी..! तेरा जादू उतर गया |

तेरी मजबूरियाँ भी होगी चलो मान लेते है मगर तेरा एक वादा भी था मुझे याद रखने का |

ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा; मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा |

इतनी यादें तेरी पर तू ही मेरे पास नहीं इतनी बातें है पर करने को तू ही साथ नहीं |

फूल बिछा दूँ या आँखे बिछा दूँ
करूँ क्या ये समझ ना आये
कंही ये दिल मेरा तुम्हे देखकर
तुम्हारा बने
और मुझे भूल जाय |

वक्त सबको मिलता है
जिंदगी बदलने के लिए पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है
इन्कार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यूँ है।

मेरी वफा के क़ाबिल नही हो तुम
प्यार मिले ऐसे इन्सान नही हो तुम
दिल क्या तुम पर ऐतबार करेगा
प्यार मे धोखा दिया ऐसे बेवफा हो तुम।

माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा
रब हर एक माँ को सलामत रखना
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा |

मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना |

मुझे मोहब्बत थी जिससे बेहद ही कभी उसे अब देखूं तो बेवफा सी लगती है |

टूटा हो दिल तो दुःख होता है
करके मोहह्बत ये दिल रोता है
दर्द का एहसास तो तब होता है
जब किसी से मोहह्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है |

तुम्हारे बगैर ये वक़्त ये दिन और ये रात
गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते।

यदि किसी युवती के दोष जानना हों
तो उसकी सखियों में उसकी प्रशंसा करो।

शाम सूरज को ढ़लना सिखाती है
शमा परवाने को जलना सिखाती है
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ
पर ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है|

हो जुदाई का शब़ब कुछ भी! उसे हम अपनी “ख़ता” कहते हैं!! वो तो ढली है “साहिल” के सांसो मे! जाने क्यु लोग उसे मुझसे ज़ुदा कहते हैं!

बेवफाओं की इस दुनियां में संभलकर चलना
यहाँ मुहब्बत से भी बर्बाद कर देते हैं लोग।

उसे बेवफा कहकर हम अपनी ही नजरो में गिर जाते क्यूंकि वो प्यार भी अपना था और पसंद भी अपनी |

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो
दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं
थोड़ा क्या
ज्यादा क्या !!

मत सोच इतना. जिन्दगी के बारे में
जिसने जिन्दगी दी है उसने भी तो कुछ सोचा होगा |

जब रात को आपकी याद आती है सितारों में आपकी तस्वीर नज़र आती है खोजती है निग़ाहें उस चेहरे को याद में जिसकी सुबह हो जाती है |

मुझसे नफरत करके भी खुश ना रह पाओगे
मुझसे दूर जाकर भी पास ही पाओगे
प्यार में दिमाग पर नहीं दिल पर ऐतबार करके देखिये
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे।

झूठ बोलते है वो जो कहते हैं
हम सब मिट्टी से बने हैं मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ जो पत्थर के बने हैं |

परवाह उसकी कर जो तेरी परवाह करे
ज़िन्दगी में जो कभी तनहा ना करे
जान बन कर उतर जा उसकी रूह में
जो जान से भी ज्यादा तुझसे प्यार और वफ़ा करे।

जो आप से सच्ची मोहब्बत करेगा वो आप की आप से ज्यादा करेगा |

ठहर सके जो लबों पे हमारे हँसी के सिवा
है मजाल किसकी |

बहन चाहे सिर्फ प्यार – दुलार
नहीं माँगती बड़े उपहार
रिश्ता बने रहे सदियों तक
मिले भाई को खुशियां हज़ार|

हो जाओ गर तनहा कभी तो मेरा नाम याद रखना मुझे याद हैं सितम तेरे
तू मेरा प्यार याद रखना |

खुशी की राह मे गम मिले तो क्या करे
वफ़ा की राह मे बेवफा मिले तो क्या करे
कैसे बचाए ज़िंदगी को दगाबाजो से
कोई दिल लगा के दे जाए दगा तो क्या करे!!

रोज ढलता हुआ सूरज कहता है मुझसे
आज उसको बेवफा हुए एक दिन और बीत गया ।

तू मेरा सपना
मेरा अरमान है पर शायद तू अपनी अहमियत से अंजान है
मुझसे कभी भी रूठ मत जाना आप
क्यूंकि मेरी दुनिया आप के बिना वेरान है |

महान ध्येय महान मस्तिष्क की जननी है।

यूँ तो ए ज़िन्दगी तेरे सफर से शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारे बहुत थी |

हर लड़की को आपका इंतज़ार है हर लड़की आपके लिए बेकरार है
हर लड़की को आपकी आरज़ू है
दोस्त ! ये आपका कमाल नहीं
कुछ दिन बाद राखी का त्यौहार है।

मुझे तलाश हैं एक रूह की
जो मुझे दिल से प्यार करे वरना इंसान तो पेसो से भी मिल जाया करते हैं |

रास्ता तू ही और मंज़िल तू ही
चाहे जितने भी चलूँ मैं कदम
तुझसे ही तो मुस्कुराहटें मेरी
तुझ बिन ज़िन्दगी भी है सूनी |

घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली
सारी गली उनके पीछे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली |

मैं उम्र भर जिनका न कोई दे सका जवाब
वह इक नजर में
इतने सवालात कर गये।

शक का कोई ईलाज नहीं होता
जो यकीं करता है कभी नराज नहीं होता
वो पूछते है हमसे कितना प्यार करते हो
उन्हे क्या पता मौहाबत का हिसाब नहीं होता |

दुनिया में सब चीज़ मिल जाती है
केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती |

तुझे है मशक-ए-सितम का मलाल वैसे ही
हमारी जान थी
जान पर वबाल वैसे ही।

आसमान पर सितारे है जितने
उतनी जिंदगी हो तेरी
किसी की नज़र न लगे
दुनिया की हर ख़ुशी हो तेरी
रक्षाबंधन के दिन भगवान से बस यह दुआ है
मेरी! रक्षा बंधन का हार्दिक अभिनन्दन!

दिल मैं में जिनको भी जगह देता हूँ खुद से ज़्यादा मैं उनका ख्याल रखता हूँ जैसे के तुम मेरे दोस्त |

बहुत से गुणों के होने के बावजूद भी
सिर्फ एक दोष सब कुछ नष्ट कर सकता है।

फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला
देखिये आपने फिर प्यार से देखा मुझको।

मोहब्बत में न जाने कैसी ये अनहोनी हो गयी पता ही नहीं चला कब किस से मोहब्बत हो गयी उन्होंने मेरे करीब आकर मुझे सीने से लगाया मौसम हसीं होते ही बिन मौसम बरसात हो गयी |

आँखें रहेंगीं शाम-ओ-शहर मुन्तज़िर तेरी
आँखों को सौंप देंगे तेरा इंतज़ार हम।

अपनी सूरत का कभी तो दीदार दे
तड़प रहा हूँ अब और न इंतज़ार दे
अपनी आवाज नहीं सुनानी तो मत सुना
कम से कम एक मिस काल ही मार दे।

तेरी मोहब्बत से मुझे इनकार नहीं
कौन कहता है जान मुझे तुझसे प्यार नहीं
तुझसे वादा है साथ निभाने का
पर मुझे अपनी साँसों पर ऐतबार नहीं |

एक बात हमेशा याद रखना दोस्तों ढूंढने पर वही मिलेंगे जो खो गए थे
वो कभी नहीं मिलेंगे जो बदल गए है|

क़यामत टूट पड़ती है
ज़रा से होंठ हिलने पर ! जाने क्या हस्र होगा
जब वो खुलकर मुस्कुरायेंगे |

मेरी आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है |

तमाम रात मेरे घर का एक दर खुला रहा
मैं राह देखता रहा वो रास्ता बदल गया।

प्यार मोहब्बत चाहत इश्क़ जिन्दगी उल्फ़त एक तेरे आने से कितना बदल गई किस्मत |

आज ऊँगली थाम ले मेरी
तुझे मैं चलना सिखलाऊँ कल हाथ पकड़ना मेरा
जब मैं बुढा हो जाऊं |

पास वो मेरे इतने कि दूरियो का कोई एहसास नहीं
फिर भी जाने क्यों वो पास होकर भी मेरे पास नहीं |

मेरे जीने में
मरने में
तुम्हारा नाम आयेगा
मैं साँसे रोक लू फिर भी यही इल्ज़ाम आयेगा
हर एक धड़कन में जब तुम हो तो फिर अपराध क्या मेरा
अगर राधा पुकारेगी तो फिर घनश्याम आयेगा |

तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है
हर पल मुझे तेरा एहसास रहता है
तुझ बिन धड़कन रुक सी जाती है
क्यूंकि तू मेरे दिल में धड़कन बन कर रहता है।

हलकी हलकी सी सर्द हवा
जरा जरा सा दर्द ए दिल अंदाज अच्छा है ए नवम्बर तेरे आने का |

जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है।

न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है
बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है।

महिलाओ में मोदी जी के फैसले से नाराजगी पति से छिपकर रखे खजाने पर सर्जीकल अटैक |

ज़रा मुस्कुराना भी सीखा दे ऐ ज़िंदगी रोना तो पैदा होते ही सीख लिया था |

दिल के रिस्ताँ का कोए नाम ना होंदा। हर रास्तां का कोए मुकाम ना होंदा। अगर निभाण की चाहत हो दोनों कानी। तो कसम त कोए रिस्तां नाकाम ना होंदा।

जब तक तुममें दूसरों के दोष देखने की आदत मौजूद है। तब तक तुम्हारे लिए ईश्वर का साक्षात्कार करना अत्यन्त कठिन है।

10 और 20 व 50 के नोट के दादाजी व 100 के नोट के पुज्य पिताजी श्री 500 के व 1000 के नोट का अभी अभी निधन हो गया है । वे कालेधन के मुख्य संगठक थे वही धन्नासेठो के मसीहा थे । अंतिम यात्रा कल 8 तथा उठावना 11 को होगा ।

प्यार जब मिलता नही तो होता ही क्यूँ है” “अगर ख्वाब सच नही होते तो इंसान सोता क्यू है” “जब यही प्यार आँखो के सामने किसी और का हो जाए” “तो फिर यह पागल दिल इतना रोता क्यूँ है”|

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ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था |

नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से
मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले |

जब नफ़रत करते करते थक जाओ तो एक मौका प्यार को भी दे देना |

सच्ची मोहब्बत जेल की कैदी की ढाल होया करे। जिसमे उम्र बीत जान के बाद भी सजा पूरी ना करदी।

ज्ञानवान मित्र ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है।

खुशबु बनकर आपके पास बिखर जायेंगे ! हवा बनकर आपके सांसो मे सामा जायेंगे! धड़कन बनकर आपके दिल मे उतर जायेंगे!! जरा महसूस करने की कोशिश तो कीजिए! दूर रहकर भी पास नजर आएंगे!!

सुबह सुबह उठना पड़ता है
कमाने के लिए

आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर |

मेरी नींद चुराई तुमने ओ कान्हा मेरा चैन चुराया तुमने ओ कान्हा अब तो आ जाओ मेरी निगाहों के सामने धडकन भी बढने लगी
दिल लगा थामने. कान्हा तुम मेरी हो जान |

ज़िन्दगी मे कुछ हसीन पल बस यूँही गुज़र जाते है रह जाती है यादें इंसान बिछड़ जाते है |

कुछ अजब रंग से गुज़री है ज़िंदगी अपनी
दिलों पे राज किया फिर भी प्यार से महरूम रही
हम वफ़ा कर के भी बन गये मुजरिम
वो दगा देके भी मासूम रही!!

नाम बड़ा किस काम का जो काम किसी के ना आये
सागर से नदियॉं भली जो सबकी प्यास बुझाये |

रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।

मुस्कान का कोई मोल नहीं होता
रिश्तों का कोई तोल नहीं होता
लोग तो मिल जाते है हर रस्ते पर
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता।

पवित्र पावन मनभावन दिन आया है गोपियों संग कान्हा ने रास रचाया है हुआ आज कृष्ण कन्हाई का जन्म है जय कृष्ण जय कृष्ण मेरा वन्दन है. बधाई हो कृष्णा जन्म की |

नसीब जिनके ऊँचे और मस्त होते है
इम्तिहान भी उनके जबरदस्त होते है।

राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर
कितनी खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।

घड़ी⏰ की टिक टिक को मामूली न समझो बस यूँ समझ लीजिये ” ज़िन्दगी ” के पेड़ पर कुल्हाड़ी के वार है |

मत तोल मोहब्बत मेरी अपनी दिल्लगी से चाहत देखकर मेरी अक्सर तराज़ू टूट जाते है |

रुकावटें तो सिर्फ ज़िंदा इंसान के लिए हैं मय्यत के लिए तो सब रास्ता छोड देते हैं |

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।

में जानता हूँ की उसके बिना जी नही पाऊंगा
हाल उसका भी यही है मगर किसी ओर के लिए!!

इक रिश्ता जो है और नहीं भी बस कुछ लफ़्ज़ से हैं तेरे मेरे दरमियां कुछ पुरानी /कुछ ताज़ी यादें दो जोड़ी आंखों की वो गुफ्तगू और इक अभूली याद |

हौंसले के तरकश में
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख
हार जा चाहे ज़िन्दगी में सब कुछ
मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रख |

दिल के दरिया मे धड़कन की कश्ती है
ख्वाबो की दुनिया मे यादो की बस्ती है
मोहब्बत के बाज़ार मे चाहत का सौदा
वफ़ा की कीमत से तो बेवफ़ाई सस्ती है!!

भगवान से ना डरो तो चलेगा लेकिन कर्मो से जरूर डरना क्योंकि किए हुए कर्मो का फल तो भगवान को भी भोगना पड़ता है।

असफलता जीवन का एक हिस्सा है और फिर से परयास करने से ही सफलता मिलती है |

गलियाँ फूलों से सज़ा रखी हैं
हर मोड़ पर लड़कियाँ बिठा रखी हैं पता नहीं तुम कहाँ से आ जाओ इसलिए सबके हाथ में राखी थमा रखी है |

तूफान भी आना
जरुरी है जिंदगी में तब जा कर पता चलता है ”कौन” हाथ छुड़ा कर भागता है और “कौन” हाथ पकड़ कर |

कर कर कै बहाने रोवैगी जब याद तन्नै मेरी आवैगीफोटो धर कै सिराहणै सोवैगी जब याद तन्नै मेरी आवैगी |

हम रूठे तो किसके भरोसे
कौन आएगा हमें मनाने के लिए
हो सकता है
तरस आ भी जाए आपको
पर दिल कहाँ से लाये आप से रूठ जाने के लिए |

हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है
चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है
हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना
ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है |

ख़फा हैं कुछ लोग
इस कारण भी तुमसे उन्होंने चेहरे पे तुम्हारे कभी उदासी नहीं देखी |

उसके चेहरे पर इस क़दर नूर था
कि उसकी याद में रोना भी मंज़ूर था
बेवफा भी नहीं कह सकते उसको ज़ालिम
प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था।

परिंदों को मंजिल मिलेगी यकीनन ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं अक्सर वो लोग खामोश रहते हैं ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं |

तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा।

दुनिया की भीड़ में तुझे याद कर सकूँ कुछ पल
अजनबी राहों की तरफ कदम मोड़ता हूँ।

मोहब्बत की गवाही अपने होने की ख़बर ले जा जिधर वो शख़्स रहता है मुझे ऐ दिल! उधर ले जा |

मत ढूंढो मुझे इस दुनिया की तन्हाई में
ठण्ड बहुत है मैं यही हूँ अपनी रजाई में।

मेरी डबडबाती आंखों पे ठिठके अश्क़ सा नश्तऱ सी गड़ती तेरी याद सा इश्क़ |

Good Morning Shayari


छोटा बनके रहोगें तो
मिलेगी हर बड़ी रहमत दोस्तों बड़ा होने पर तो माँ भी
गोद से उतार देती है!!

शायरी पढ़ते पढ़ते खुद लिखना सीख गये
जीते जीते किसी और के लिए जीना सीख गए
आँखों आँखों में भी बातें होती है
आज कल उन बातों को भी पढ़ना सीख गए |

तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है
कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए |

उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं।

ज़िंदगी में कभी कभी अपनो से हारना सीखो
देख लेना जीत जाओंगे तुम |

जो मजिंलो को पाने की चाहत रखते
वो समंदरो पर भी पथरो के पुल बना देते है|

कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते
हर एक ने धोखा दिया
किस-किस को भुला देते
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते |

देखा है ज़िन्दगी को कुछ इतना करीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अब तो अजीब से।

हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो जो लहरों में तो डूबे हैं
मगर संग बह नहीं सकते |

एक वो टेम था जब बात खत्म ना होया करतीएक यो टेम है के तेरे तै बात ए ना होती |

तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद
जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद
ना पड़े किसी को किसी की आदात इतनी
कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद |

ग़जब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया
तमाम रात किया क़यामत का इंतज़ार किया।

संभाले नहीं संभलता है दिल
मोहब्बत की तपिश से न जला
इश्क तलबगार है तेरा चला आ
अब ज़माने का बहाना न बना।

एक ही समानता है पतंग औऱ जिन्दगी मॆं

ऊँचाई में हो तब तक ही “वाह-वाह” होती हैं |

जो अपने लक्ष्य के प्रति पागल हो गया है
उसे ही प्रकाश का दर्शन होता है। जो थोड़ा इधर
थोड़ा उधर हाथ मारते हैं
वे कोई लक्ष्य पूर्ण नहीं कर पाते। वे कुछ क्षणों के लिए बड़ा जोश दिखाते है; किन्तु वह शीघ्र ठंडा हो जाता है।

बुजी शमा भी जल सकती है तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है |

सच की हालत किसी तवायफ सी है
तलबगार बहुत हैं तरफदार कोई नही |

दोस्ती होती है दिले राज़ बताने के लिए
हम अपनी हानशी मिटा दें आपको हसने के लिए
मिलने की तो आपको फ़ुर्सत नही
तो हम स्मस करते हैं अपनी याद दिलाने के लिए |

वो भी बहुत अकेला है शायद मेरी तरह
उस को भी कोई चाहने वाला नहीं मिला।

जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती है
और जिन्दगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती है |

जाम पे जाम पिने से क्या फायदा
शाम को पी सुबह उतर जाएगी
अरे दो बूँद मेरे प्यार की पी ले
ज़िन्दगी सारी नशे में ही गुजर जाएगी!!

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कोशिश के बावजूद हो जाती है कभी हार होके निराश मत बैठना ऐ यार बढ़ते रहना आगे हो जैसा भी मौसम पा लेती मंजिल चींटी भी गिर गिर कर कई बार |

मिलने को तो हजार लोग मिल जाते है लेकिन हजारो गलतियां माफ़ करने वाले माँ बाप नहीं मिलते |

सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर
हमको तेरे ख्याल से कभी फुरसत न मिली |

मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है
अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना।

कुछ ना था खोंण खातर मेरे धोरै जब त तू मिलीं सै तब त डरण लाग्या मै।

हम साँस लेते हैं तुम पे मरके
हम जीते हैं तुम्हारी इबादत करके
खो ना दे रहते हैं हमेशा डरते
हमे ना चाहिए इस दुनिया से कुछ भी
अब बस तुम ही हो रब से बढ़ के |

वो रात दर्द और सितम की रात होगी
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी!!

रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं
कैसे कहूँ आज की फिर होश नही
इस तरह डूबा हूँ तेरी मोहब्बत की गहराई में
हाथ में जाम है और पिने का होश नहीं!!

तुम्हारी प्यारी सी नज़र अगर इधर नहीं होती
नशे में चूर फ़िज़ा इस कदर नहीं होती
तुम्हारे आने तलक हम को होश रहता है
फिर उसके बाद हमें कुछ ख़बर नहीं होती.

एक मूर्ख खुद को बुद्धिमान समझता है
लेकिन एक बुद्धिमान व्यमक्ति खुद को मूर्ख समझता है!

अंजाने में हम अपना दिल गवां बैठे
इस प्यार मे कैसा धोखा कर बैठे
उनसे क्या गिला करे… भूल हमारी थी
जो बिना दिलवालों से दिल लगा बैठे!!

हाल अपने दिल का
मैं तुम्हें सुना नहीं पाती हूँ जो सोचती रहती हूँ हरपल
होंठो तक ला नहीं पाती हूँ बेशक बहुत मोहब्बत है
तुम्हारे लिए मेरे इस दिल में पर पता नहीं क्यों तुमको
फिर भी मैं बता नहीं पाती हूँ |

शायर होना भी कहा आसान है
बस कुछ लफ़जो मे दिल का अरमान है
कभी तेरे ख्याल से महक जाती है मेरी गज़ल
कभी हर शब्द परेशान है |

एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की
मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की |

दान देना ही आमदमी का एकमात्र व्दार है।

दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो
अपनी आँखों में किसी को उतार कर देखो
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो।

अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता! तुम्हारे चहरे को कमल कौन कहता! यह तो करिश्मा है मोहब्बत का! वरना पत्थर को ताज महल कौन कहता |

दुनिया खरीद लेगी हर मोड़ पर तुझे तूने जमीर बेचकर अच्छा नहीं किया |

मुझ से पत्थर ये कह कह के बचने लगे
तुम ना संभलोगे ठोकरें खा कर |

दिल से देता हूँ मैं दुआ तुझको
कभी न हो दुःख की भावना मन में
उदासी छू न पाए कभी भी तुझको
खुशियों की चाँदनी छा जाये जीवन में।

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ख्वाइश तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये
शमा खामोश हो जाये और शाम ढल जाये
प्यार तू इतना करे कि इतिहास बन जाये
और तेरी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये |

मैं भी तेरे ईश्क में आतंकवादी बन जाऊं
तुझे बांहो में ले के बम से उड़ जाऊ |

जादू वो लफ़्ज़-लफ़्ज़ से करता चला गया और हमने बात-बात में हर बात मान ली |

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं; अकेले थे हम
अकेले ही रह जाते हैं; इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे; मल्हम लगाने वाले ही जखम दे जाते हैं |

कोई भी नही यहाँ पर अपना होता
इस दुनिया ने यह सिखाया है हमको
उसकी बेवफ़ाई का ना चर्चा करना
आज दिल ने यह समझाया है हमको!

माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया जिसको निगाहों में बिठाया जाए रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये |

ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं झूठ-सच
जीत- हार की बातें छोड़िये
दास्तान बहुत लम्बी है |

और कोई गम नहीं एक तेरी जुदाई के सिवा
मेरे हिस्से में क्या आया तन्हाई के सिवा
यूँ तो मिलन की रातें मिली बेशुमार
प्यार में सब कुछ मिला शहनाई के सिवा |

वो मिला तो कहता था कि पायलट बनूँगा फ़राज़
हालत ऐसी है की मक्खी भी उड़ाई नहीं जाती।

चाहते हैं वो हर रोज़ नया चाहने वाला. ऐ खुदा मुझे रोज़ इक नई सूरत दे दे।

कुछ चीज़े हम पुरानी छोड़ आए हैं
आते आते उसकी आँखो मे पानी छोड़ आए हैं
ये ऐसा दर्द है जो बया हो ही नही सकता दिल तो साथ ले आए धड़कन छोड़ आए हैं |

तेरी आँखों के ये जो प्याले हैं
मेरी अंधेरी रातों के उजाले हैं
पीटा हूँ जाम पर जाम तेरे नाम का
हम तो शराबी बे-शराब वाले हैं!!

कांटो सी चुभती है तन्हाई
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है ‪‎तन्हाई‬ |‬

ऐ दोस्त मै तेरी खुशीयां बाटने शायद न आ सकुं
पर ये वादा रहा
जब गम आऐ तो खबर कर देना
सारे के सारे ले जाउंगा |

मुझे लेते हो जब अपनी मुहब्बत की पनाहों में
ये जादू कैसा तुम करते खिची आती मै बांहों में
ये धड़कन तेज क्यों होती ये सांसे क्यों उखडती है मुझे जब देखते हो तुम निगाहों ही निगाहों में..!!

ज़िन्दगी कभी आसान नही होती इसे आसान बनाना पड़ता हे कुछ नज़र अंदाज करके कुछ को बर्दाश्त करके |

बड़ी हिम्मत दी उसकी जुदाई ने ना अब किसी को खोने का दुःख ना किसी को पाने की चाह |

बड़ा शौक़ था उन्हे मेरा आशियाना देखने का
जब देखी मेरी गरीबी तो रास्ता बदल लिया!!

बेझिझक मुस्कुराये जो भी गम है
जिंदगी में टेंशन किसको कम है
अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम है
जिंदगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम है।

जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है |

नज़रें मिले तो प्यार हो जाता है
पलकें उठे तो इज़हार हो जाता है
ना जाने क्या कशिश है चाहत में
के कोई अनजान भी हमारी ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।

हमदम तो साथ चलते हैं
रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं
तेरा चेहरा है जब से आँखों में
मेरी आँखों से लोग जलते हैं।

तू रूठा रूठा सा लगता है
कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूँगी
तूँ कीमत बता मुस्कराने की।

मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।

आपने तो की थी दिल्लगी मगर
हम तो दिल अपना तोड़ बैठे
आपने समझा प्यार को खेल मगर
हम तो गमो से नाता जोड़ बैठे!!

मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है
तीर – तलवार की क्या ज़रूरत है तुझे ऐ हसीन
क़तल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।

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जब लगा सीने पे तीर तब हमे इतना दर्द नहीं हुआ .ग़ालिब ज़ख्म का एहसास तो तब हुआ जब कमान अपनों के हाथ में दिखी |

ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती हे दूसरो के कन्धों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं |

तेरी याद से शुरू होती है मेरी हर सुबह
फिर ये कैसे कह दूँ कि मेरा दिन खराब है |

मोहब्बत के रास्ते कितने भी मखमली क्यो न हो
खत्म तन्हाई के कम्मबल मे ही होते है |

जीवन के कुछ संबंध ऐसे होते हैं ! जो किसी पद या प्रतिष्ठा के मोहताज नहीं होते ! वे शाश्वत स्नेह और प्रेम की बुनियाद पर टिके होते हैं |

सैकड़ों शिकायतें रट रखी थी
उन्हें सुनाने को किताबों की तरह वो मुस्कुरा के ऐसे मिले कि एक भी याद नहीं आई |

मुकाम वो चाहिए की जिस दिन भी हारु
उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो |

बरसात भी नहीं है बादल गरज रहे हैं
सुलझी हुई लटे हैं और हम उलझ रहे हैं
मदमस्त एक भँवरा क्या चाहता कली से
तुम भी समझ रहे हो हम भी समझ रहे हैं |

“हर रोज गिरकर भी
मुक्कमल खड़े हैं ए जिंदगी देख
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं |

हम भी कभी मुस्कुराया करते थे
उजाले मे भी शोर मचाया करते थे
उसी दिए ने जला दिया मेरे हाथो को
जिस दिए को हम हवा से बचाया करते थे |

साथ ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया
टूटी नींद है
सपने टूटा नहीं करते |

इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी
देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम
बस यूँ समझो वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी |

तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई
आज हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने
वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई |

ग़म नहीं ये कि क़सम अपनी भुलाई तुमने
ग़म तो ये है कि रकीबों से निभाई तुमने
कोई रंजिश थी अगर तुमको तो मुझसे कहते
बात आपस की थी क्यूँ सब को बताई तुमने |

राखी कर देती है
सारे गिले-शिकवे दूर इतनी ताकतवर होती है कच्चे धागों की पावन डोर

लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से कि
जिसने तुम्हे देखा भी नही उसने भी तेरी तारीफ कर दी |

आया राखी का त्यौहार
छाई खुशियों की बहार
एक रेशम की डोरी से बाँधा
एक बहन ने अपने भाई की कलाई पर प्यार।

अपनी हर आरज़ू में
अपनी हर दुआ में आपकी ख़ुशी मांगते हैं
जब सोचते हैं क्या तोहफा मांगें आपसे
तो आपसे उमर भर कि आपकी महोब्बत मांगते हैं |

चलता रहूँगा पथ पर
चलने में माहिर बन जाऊंगा !! या तो मंजिल मिल जाएगी
या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊंगा |

अब तेरी मोहब्बत पर मेरा हक तो नहीं सनम
फिर भी आखिरी साँस तक तेरा इंतजार करेंगे।

कुछ जख्म कुछ दर्द कुछ यादें ” कुछ अधुरे ख्वाब ” कुछ झूठे वादे ! शुक्रिया मोहब्बत तेरा ” तुमने खाली हाथ नही भेजा अपने दर से |

तुम्हें देखकर मैं खुद को भूल जाता हूँ तन्हाई में अक्सर ग़ज़ल गुनगुनाता हूँ । इश्क़ हो गया है या कोई और बला है
बेवजह यूँ हर घड़ी अब मुस्कुराता हूँ ।।

यहां खुदा है
वहां खुदा है
आस पास खुदा ही खुदा है
और जहां खुदा नहीं है
वहां कल खुदेगा ।

अगर गुस्सा करेगी तो भी धोरे आयूंगा तेरे तेर बिना रहण की आदत कोणी मन्नै।

पानी में तस्वीर बना सकते हो तुम कलाम को शमशेर बना सकते हो तुम कायर हैं जो तकदीर पे रोते हैं जैसी चाहो वैसी तकदीर बना सकते हो तुम |

जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।

वो मोहब्बत ही क्या जिसमें यादें ही न हो और वो यादें ही क्या जिसमें तुम न हो |

जाम पे जाम पीने से क्या फायदा
शाम को पी सुबह उतर जाएगी
अरे दो बूंद मेरे प्यार की पीले
जिन्दगी सारी नशेमे गुज़र जाएगी |

लम्हें ये सुहाने साथ हो ना हो
कल मे आज जैसी बात हो ना हो
आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा
चाहे पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो |

है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफर रहा न क़याम है कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बदमिजाज़ सी शाम है।

सच्ची मोहब्बत एक जेल के कैदी की तरह होती हैं जिसमे उम्र बीत भी जाए तो सजा पूरी नहीं होती |

सूरज की तरह चमकते रहो
फूलों की तरह महकते रहो
यही दुआ है इस बहन की आज कि आप सदा खुश रहो। बहन की तरफ से भाई को राखी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

रात को जब चाँद सितारे चमकते हैं
हम हरदम फिर तेरी याद में तड़पते हैं
आप तो चले गए हो छोड़कर हम को
मगर हम मिलने को तरसते है।

मोहब्बत के ज़ख्म बेहद खुबसूरत हैं इन ज़ख्मों को यूँ तो ना सिया कर |

बैरण तू के जाने प्यार मेरा तेरे खातर तो मने मेरे बाबू के गुट भी खाये ओढे सै।

अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी लोग तसल्लियां तो देते हैं
पर साथ नहीं |

कुछ ज़रूरतें पूरी तो कुछ ख्वाहिशें अधूरी
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी |

तेरे दर्शन से हो जाऊं ओ कान्हा मैं पल-पल निहाल तेरी मुझ पर असीम इनायत है यशोदा के लाल इक वो जगह बता दो कन्हाई जहाँ तुम नहीं हो जिधर भी जाये नजर मेरी तुम तो बस वहीँ हो |

कितने अजीब इंसान है तेरी दुनिया मेँ ऐ खुदा शौक ऐ मोहब्बत भी रखते है और याद तक नहीँ करते |

वफ़ा का दरिया कभी रुकता नही
इश्क़ में प्रेमी कभी झुकता नही
खामोश हैं हम किसी के खुशी के लिए
ना सोचो के हमारा दिल दुःखता नहीं!

ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के
आज तक कोई फूल ना खिल सका
बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर
फिर कभी तेरा पता ना मिल सका |

छोड़ तो सकता हूँ
मगर छोड़ नहीं पाता उसे
वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है |

तेरा ख़याल तेरी आरजू न गयी
मेरे दिल से तेरी जुस्तजू न गयी
इश्क में सब कुछ लुटा दिया हँसकर मैंने
मगर तेरे प्यार की आरजू न गयी |

मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।

मेरी साँसों में बिखर जाओ तो अच्छा है बन के रूह मेरे जिस्म में उतार जाओ तो अच्छा है किसी रात तेरी गोद में सिर रख कर सो जाऊँ मैं उस रात की कभी सुबह ना हो तो अच्छा है |

मेरे नजदीक आ के देख मेरे अहसास की शिद्दत
ये दिल कितना धड़कता है

तेरा नाम आने पर |

इतनी बदसलूकी ना कर
ऐ जिंदगी
हम कौन सा यहाँ बार बार आने वाले हैं।

लिखते हैं कि तेरी याद चली जायेगी
पर हर लब्ज क़यामत ढाता है ।

उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं
जो जुदा करते हैं
किसी को किसी से
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं |

जिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की वक्त हर मंजिल दिखा देता है; मरता नहीं कोई किसी की जुदाई में वक्त सबको जीना सिखा देता है |

कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है |

हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नही रखते
दोस्तों के साथ रहने केलिए वक्त रखते है |

ये लम्हा कुछ ख़ास है
बहन के हाथों में भाई का हाथ है
ओ ! बहना तेरे लिए मेरे पास कुछ ख़ास है
तेरे सकून की खातिर मेरी बहना
तेरा भाई हमेशा तेरे साथ है।

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ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है
क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नजर से हम।

मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है |

ना तस्वीर है उसकी की दीदार किया जाये
ना पास है वो जो उसे प्यार किया जाये
यह कैसा दर्द दिया है उस बेदर्द ने
ना उससे कुछ खा जाये
ना उसके बिन रहा जाये।

गम इस बात का नही कि तुम बेवफा निकली
मगर अफ़सोस ये है कि
वो सब लोग सच निकले
जिनसे मैं तेरे लिए लड़ा करता था!!

प्यार तो जिंदगी का एक अफसाना है
इसका अपना ही एक तराना है
सबको मालूम है कि मिलेंगे सिर्फ आंसू
पर न जाने क्यों
दुनियां में हर कोई इसका दीवाना है |

नशा था उनके प्यार का
जिसमें हम खो गए
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए।

बाद मुद्दत के यह घडी आई आप आये तो ज़िन्दगी आई इश्क मर-मर के कामयाब हुआ आज एक ज़र्रा आफताब हुआ |

मेरी नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा
इक नजर फेर ले
जीने की इजाजत दे दे
रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे
इश्क मासुम है
इल्जाम लगाने पे न जा |

एक हसीन सा खाब हो तुम
गुज़रे कल की याद हो तुम
बहती नदी की धरा हो तुम
साहील में डूबी किस्ती का किनारा हो तुम |

लोग पूछते हैं इतने गम में भी खुश क्युँ हो.. मैने कहा दुनिया साथ दे न दे.. मेरा दोस्त तो साथ हैं.” |

जो अंधेरे की तरह डसते रहे
अब उजाले की कसम खाने लगे चंद मुर्दे बैठकर श्मशान में
ज़िंदगी का अर्थ समझाने लगे |

रोक दो मेरे जनाज़े को ज़ालिमों
मुझ में जान आ गयी है
पीछे मुड़ के देखो कमीनो
दारू की दुकान आ गयी है!!

लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी |

सच्चा प्यार चाहे दो पल के लिए ही हो सच्चा प्यार चाहे दो पल के लिए ही हो |

ये लब चाहे खामोश रहें आँखों से पता चल जाता है कोई लाख छुपा ले इश्क मगर दुनिया को पता चल जाता है |

जो जितना दूर होता है नज़रो से
उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले
वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है |

सुना है आज उनके आँखों में आँसू आगये बच्चो को सिखा रहे थे मोहब्बत ऐसे करते है |

रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद! हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद |

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।

Friendship Shayari


मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी की लेकिन सिर्फ सांसें लेने को `जीना` तो नहीं कहते |

दोस्त तो दोस्त होता है
उसकी कोई जात या धर्म नही होता
वो ख़ुशी के टाइम पे भी गालियाँ सुनता है और बुरे टाइम पे भी।

उसी दिन से व्हाट्सएप्प से नफरत हो गयी ग़ालिब
जब बाल कटवाने के लिए एडमिन ने चंदा माँग लिया।

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा |

इश्क़-ऐ-बेवफ़ाई ने डाल दी है आदत बुरी
मैं भी शरीफ हुआ करता था इस ज़माने में
पहले दिन शुरू करता था मस्जिद में नमाज़ से
अब ढलती है शाम शराब के साथ मखाने में!!

ख़र्च जितना भी करूँ
बढ़ती जाती है ये यादें तेरी अजीब दौलत है !

तेरी मोहब्बत भी किराए के घर की तरह थी
कितना भी सजाया
पर मेरी ना हुई…

मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।

किसी के साथ जो की थीं वफ़ाएं याद करती हैं
हमारी धूप को ठंडी हवाएं याद करती हैं. कभी होंठों से हमने उनकी बूंदों को नहीं छूआ
हमारी प्यास को अब वो घटाएं याद करती हैं |

साथ पले और साथ बढ़े हैं
खूब मिला बचपन में प्यार।
भाई बहन का प्यार बढ़ाने आया ये त्यौहार |

आपने नज़र से नज़र कब मिला दी
हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी
जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके
पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी |

दिल का हाल बताना नहीं आता किसी को ऐसे तड़पाना नहीं आता सुनना चाहते हैं आपकी आवाज़ मगर बात करने का बहाना नहीं आता |

सुकून मिलै है जब मेरी उस त बात होवे है। हज़ार रातां म वा एक रात होवे है। आँख उठा क देखें जब वा मेरे कानी। वो एक पल भी पूरी कायनात होवे है।

तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी ! वरना हमको कहां तुम से शिकायत होगी ! ये तो बेवफ़ा लोगों की दुनिया है ! तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी !!

ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है
इस मोहब्बत में यारों बहुत घाटा है।

शिकायत तो बहुत है तुझसे ऐ ज़िन्दगी
पर चुप इसलिए हूं कि जो दिया तूने वो भी बहुतों को नसीब नहीं होता |

जुदा होकर भी जुदाई नहीं होती इश्क उम्र कैद है प्यारे इसमें रिहाई नहीं होती |

ना जाने क्यूँ नज़र लगी ज़माने की
अब वजह मिलती नहीं मुस्कुराने की
तुम्हारा गुस्सा होना तो जायज़ था
हमारी आदत छूट गयी मनाने की |

जो उनकी आँखों से बयां होते हैं
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं।

ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है।

शिकवे भी हजारों हैं
शिकायतें भी बहुत हैं
इस दिल को मगर उनसे मुहाब्बत भी बहुत है
ये भी है तम्मना की उनको दिल से भुला दें
इस दिल को मगर उनकी जरुरत भी बहुत है |

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।

रूठे हुए को मनाना तो दस्तूर-ए-दुनिया पर रूठे की मानना क्यों नहीं सीखती दुनिया |

जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।

आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये
थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये |

हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा
सावले कान्हा की दीवानी न होती |

मेरे घर की दर ओ दीवार पर अब आइना नहीं जब जी करता है ख़ुद को तेरी आँखो में देख लेता हूँ |

सब कुछ मिला बस खुदाई के सिवा
ज़िंदगी बहुत पसंद आई रुसवाई के सिवा
मेरी चाहत का एहसास भी न होगा
उसकी हर अदा पसंद आई बेवफ़ाई के सिवा |

उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी
अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।

मैं नहीं जानता प्यार मैं बेवफ़ाई क्यू मिलती है पर
इतना जरूर जानता हूँ
जब दिल भर जाए तो लोग छोड़ देते हैं!!

क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त |

बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं।

गरीबी थी जो सबको एक आंचल में सुला देती थी अब अमीरी आ गई सबको अलग मक़ान चाहिए |

मुझे ढूंढने की कोशिश अब न किया कर
तूने रास्ता बदला तो मैंने मंज़िल बदल ली |

कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।

दिल की किताब में गुलाब उनका था
रात की नींद में ख्वाब उनका था
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था |

परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में। ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया॥

पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।

बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर
मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।

शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का मगर क्या करूँ
अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का |

मोहब्बत नहीं इबादत की है तेरी क्यों मेहरबां कोई तेरी चश्म नहीं होती |

कोन कहता है सिर्फ नफरतो में ही दर्द है कभी कभी बेपनाह मोहब्बत भी बहुत दर्द देता है |

उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों की तरह
उसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया।

दर्द की जब कभी इन्तहा होती हैं दवा की जरुरत फिर कहाँ होती हैं तन्हाई
बेचैनी और बस कुछ आहें इनमे पल कर ही मोहब्बत जवां होती हैं |

वो मेरी ना होइ तो कै होग्या मैं तो उसका ए हूँ।

जिस दिन आपने अपनी जिन्दगी को खुलकर जी लिया
वही दिन आपका है
बाकी तो सिर्फ केलेंडर की तारीखें हैं।

जीत निश्चित हो तो कायर भी लड़ सकते हैं
बहादुर वे कहलाते हैं
जो हार निश्चित हो
फिर भी मैदान नहीं छोड़ते |

यादें उन्हीं की आती है जिनसे कुछ ताल्लुक हो ! हर शख्स मुहब्बत की नजर से देखा नही जाता |

दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना |

ज़माने से नहीं
तन्हाई से डरते हैं
प्यार से नहीं
रुसवाई से डरते हैं
मिलने की उमंग है दिल में लेकिन
मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं

मुँह के सामने मीठी बातें करने और पीठ पीछे छुरी चलानेवाले मित्र को दुधमुँहे विषभरे घड़े की तरह छोड़ दो।

आँखो के रास्ते दिल मे उतर कर नही देखा
तुने मेरे सिने मे अपनी यादों का घर नही देखा
तेरे इश्क की वहशत ने पागल बना दिया है मुझे
तेरी गलीयो की ख़ाक के सिवा मेने कुछ नही देखा |

देख कर चेहरा पलट देते हैं अब वो आइना
मौसम-ए-फुरकत उन्हें सूरत कोई भाती नहीं।

किसी ने मुझ से कहा बहुत खुबसूरत लिखते हो यार
मैंने कहा … खुबसूरत मैं नहीं वो है जिसके लिए हम लिखा करते है |

क्या खूब होता अगर यादें रेत होती मुठी से गिरा देते
पाँव से उड़ा देते |

एक अजीब सी दौड़ है ये ज़िन्दगी जीत जाओ तो कई अपने पीछे छूट जाते हैं
हार जाओ तो अपने ही पीछे छोड़ जाते हैं ।

इश्क के सहारे जिया नहीं करते
गम के प्यालों को पिया नहीं करते
कुछ नवाब दोस्त हैं हमारे
जिनको परेशान न करो तो वो याद ही किया नहीं करते |

मैं नही जानता मुझसे खफा कौन है
मैं ये जानता हू वफ़ा कौन है
वो चली तो गयी है पर पता ये करना है की ज़िंदगी ओर उसमे बेवफा कौन है!!

जिंदगी बहुत हैं शिकवे तुझसे! रहने दे मगर आज इतवार हैं |

मेरी चाहत तेर त अलग कुकर है। दिल की बात तेर त अलग कुकर है। तू साथ रह दिल म धड़कन की ढाल। फिर ज़िन्दगी न सांस की जरूरत कुकर है।

लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं
हालत मेरी मुझे लाचार करती हैं
आँखे मेरी पढ़ लो कभी
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं |

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मेरी आंखे ढूंढे कन्हा चारों ओर कहाँ छुप गया रे मेरा माखनचोर कन्हैया उड़ गया ऐसे जैसे पुरवैया क्या करेगी अब प्यारी यशोदा मैया |

तुझे इनकार है मुझसे
मुझे इकरार है तुझसे
तू खफा है मुझसे
मुझे चाहत है तुझसे
तू मायूस है मुझसे
मुझे खुशी है तुझसे
तुझे नफ़रत है मुझसे और मुझे प्यार है तुझसे |

तेरे जल्वों ने मुझे घेर लिया है ऐ दोस्त
अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते हैं।

कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।

जब जब तुमसे मिलने की उम्मीद नजर आई
मेरे पाँव मे जजीर नजर आई
गिर पडे आँसू आँख से
और हर एक आँसू मे आपकी तस्वीर नजर आई।

किसे नै मेर त पूछा के तन्ने उसकी याद आया करे। मै भी हास के बोल्या जबे तो ज़िंदा सूं मै।

मेरा आपकी कृपा से
सब काम हो रहा है
करते हो तुम कन्हैया
मेरा नाम हो रहा है पतवार के बिना हे
मेरी नाव चल रही है
बस होता रहे हमेशा
जो कुछ भी हो रहा हैं |

सारे शहर को इस बात की खबर हो गयी
क्यो ना सजा दे इस कमबख्त दिल को
दोस्ती का इरादा था और महोब्बत हो गयी |

निराशा आशा के पीछे-पीछे चलती है।

हम अपने पर गुरुर नहीं करते
याद करने के लिए किसी को मजबूर नहीं करते. मगर जब एक बार किसी को दोस्त बना ले
तो उससे अपने दिल से दूर नहीं करते |

नींद तो ठीक ठाक आई
पर जैसे ही आँख खुली
फिर वही ज़िन्दगी और वो याद आई |

मिल ही जाएगी मंजिल भटकते भटकते गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं |

अपनी मोहब्बत कि खुशबु से नुर कर दे
जुदा न हो सकु इतना मगरुर कर दे
मेरे दिल मे बस जाए वफ़ा तेरी
किसी और को ना देखु मुझे इतना मजबुर कर दे |

जो बदनाम थे कल तक
आज वो सुखनवर हो गए जो थे कल तक बाहर
आज दिलों के अंदर हो गए हम तो आज भी एक कतरा हैं रुके हुए पानी का
पर लोग देखते ही देखते
कतरे से समंदर हो गए |

अब ये न पूछना की ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के
कुछ अपना हाल सुनाता हूँ |

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा
जाने क्या बात थी उसमें और मुझ में
सारी महफ़िल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा |

बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आ के तुम
अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा।

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से
हमें आवाज दे देना
हम अकसर अकेले होते हें |

पगली प्यार दिखाएगी तो प्यार पाएगी एट्टीटुड दिखाएगी तो थप्पड खाएगी |

दोस्त हो या दुश्मन ताल्लुक बस इतना ही रहे बदले की भावना कभी अपने मन में ना रहे |

तेरी यादों को अपने सीने से लगा लेता हूँ
और शाम होते ही मैं दो जाम लगा लेता हूँ!!

कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी |

तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं
गए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैं
हम अपनी उदासी से जब भी घबराये
तेरे ख़याल की छाँव में बैठ जाते हैं |

उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।

मैं ख़ामोशी तेरे मन की
तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा मैं एक उलझा लम्हा
तू रूठा हुआ हालात मेरा |

कहाँ वो नई गहिरायाँ हसने -हँसाने में
मिलेंगी जो किसी के साथ दो आंसू बहने में
तुम आये तो खुशी आई लेकिन हंसु अभी केसे
कुछ देर तो लगती है रो कर मुस्कराने में |

तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं देखो भूल गया सब पते-ठिकाने आसमान में हूँ मैं |

जिस फूल की परवरिश हम ने अपनी मोहब्बत से की
जब वो खुश्बू के क़ाबिल हुआ तो औरो के लिए महकने लगा!!

चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें
अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें !

बेवफा वक़्त था
वो थे या मुक़द्दर मेरा
बात जो भी थी बहरहाल अंजाम जुदाई निकला।

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए ! महसूस हुआ तब
जब वो जुदा हुए ! करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो ! पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए |

काश कोई करता प्यार हमसे इतना
कि मरने के बाद भी ख्वाबों मे आया करते
जब गिरते आंखों से हमारे आंसू
तो वो भी साथ मे रोया करते |

लोग रूप देखते है
हम दिल देखते है
लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है
लोग दुनिया मे दोस्त देखते है
हम दोस्तो मे दुनिया देखते है |

ना पूछो कि मेरी मंजिल कहाँ है अभी तो सफर का इरादा किया है ना हारूंगा हौंसला उम्र भर ये मैंने किसी से नहीं खुद से वादा किया है |

रात गुमसूँ है मगर चेन खामोश नही
कैसे कह दू आज फिर होश नही
ऐसा डूबा तेरी आखो की गहराई मैं
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नही |

कोई वादा ना कर
कोई ईरादा ना कर
ख्वाइशों मे खुद को आधा ना कर
ये देगी उतना ही जितना लिख दिया खुदा ने
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर |

कोन कहेता है की दोस्ती बराबरी वालो में होती है.. सच तो ये है की दोस्ती में सब बराबर होता है |

मुझे तलाश है एक रुह की जो मुझे दिल से प्यार करे. वरना इंसान तो पैसों से भी मिल जाया करते हैं |

प्यार भी बहोत अजीब चीज़ स रोण त पहला सोंण भी ना दैवे।

सांवरिया बंसीवाला है तू नंदलाला तू है रंगीला
छेल-छबीला
मुरली बजैया तू है अलबेला
मनमोहन
मतवाला तेरी दीवानी हर इक ब्रिज बाला. कृष्णा तेरी जय हो |

आग सूरज में होवे है पर जलना जमीन न पड़े है। मोहब्बत आंखां म होवे है पर तड़पना दिल न पड़े है।

प्यार कहो तो दो ढाई लफज़
मानो तो बन्दगी
सोचो तो गहरा सागर
डूबो तो ज़िन्दगी
करो तो आसान
निभाओ तो मुश्किल
बिखरे तो सारा जहाँ
और सिमटे तो ” तुम “ |

मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ. एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ |

वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया
दिल तो दिल था समुद्र का साहिल नहीं
लिख दिया नाम तो फिर मिटाया ना गया |

गुज़र जायेगा ये दौर भी चंद लम्हो में कुछ अजनबियों से ही सही यादें तो बना लीजिये जनाब |

तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है |

ईश्वर की कोई बौद्धिक परिभाषा नहीं दी जा सकती। हाँ
उसका आत्मा के सहारे अनुभव किया जा सकता है।

भरोसे पे ही “जिंदगी” टीकी है वरना कौन कहता “फ़िर मिलेंगे”|

क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो. मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये |

छुपा लूंगा तुझे इसतरह से बाहों में
हवा भी गुज़रने के लिए इज़ाज़त मांगे
हो जाऊं तेरे इश्क़ में मदहोश इस तरह
कि होश भी वापस आने के इज़ाज़त मांगे |

गम इस कदर मिला की घबरा के पी गये
खुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गये
यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये!!

पलकों पर रूका है समन्दर खुमार का
कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का।

अगर अब भी खून ना खौला तो खून नहीं वो पानी है जो जवानी अपने देश और माँ बाप के काम ना आए बेकार वो जवानी है |

जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना
ये कम्बख्त जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।

जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते
जो अपनो के ना हुए किसी के नही होते
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते |

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ जिंदगी
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

चन्दन की डोरी
फूलों का हार
आया सावन का महीना और राखी का त्यौहार
जिसमें झलकता है भाई – बहन का प्यार |

मुझको ऐसा ‪दर्द‬ मिला जिसकी ‪दवा‬ नहीं
फिर भी खुश हूँ मुझे उस से कोई गिला नहीं
और कितने आंसू बहाऊँ उस के लिए
जिसको ‪खुदा‬ ने मेरे ‪‎नसीब‬ में लिखा ही नहीं।‬‬‬‬

ना जाने वो बच्चा किससे खेलता होगा वो जो मेले में दिन भर खिलौने बेचता हैं |

याद आती है तेरी आ के ठहर जाती है मेरी साँसों में जुनूँ बन के उतर जाती है |

न चाहकर भी मेरे लब पर ये फ़रियाद आ जाती है
ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है |

किसी ने क्या खूब कहा है सिर्फ गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती
तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता |

रात हुई जब शाम के बाद
तेरी याद आई हर बात के बाद
हमने खामोश रहकर भी देखा
तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद |

दो रोज़ तुम मेरे पास रहो दो रोज़ मैं तुम्हारे पास रहुं चार दिन की ज़िन्दगी है ना तुम उदास रहो ना मैं उदास रहुं |

सौ सौ उम्मीदें बंधती है
इक-इक निगाह पर
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।

रिश्ता हैं जन्मो का हमारा
भरोसे का और प्यार भरा! चलो इसे बांधे भैया
राखी के अटूट बंधन में!! रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामना |

कभी देखा है अंधे को किसी का हाथ पकड़ कर चलते हुए
मैने मोहब्बत में ‘तुझपे’ कुछ यूँ भरोसा किया था!!

सही वक़्त पर पिए गए “कड़वे घूंट” अक़्सर ज़िन्दगी “मीठी” कर दिया करते है” |

इलाज ए इश्क पुछा जो मैने हकीम से धीरे से सर्द लहजे मे वो बोला जहर पिया करो सुबह दोपहर शाम |

मेरी इक उमर कट गई है तेरे इंतजार में
ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिनसे एक रात।

इस अजनबी दुनिया में अकेली ख्वाब हूँ मैं
सवालो से खफा छोटी सी जवाब हूँ मैं
आँख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं |

झील अच्छा
कँवल अच्छा के जाम अच्छा है
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है |

किन लफ़्ज़ों में बंया करूँ मैं अपने दर्द को
सुनने वाले तो बहुत है मगर समझने वाला कोई नहीं |

सीने से लगा के सुन वो धड़कन जो हर पल तुझसे मिलने की ज़िद करती है |

लहरों का शांत देखकर ये मत समझना
की समंदर में रवानी नहीं है
जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे
अभी उठने की ठानी नहीं है |

कभी अलफ़ाज़ तोह कभी खयाल भूल जाऊ तुझे इस कदर चाहू के अपनी सांस भूल जाऊ उठ कर तेरे पास से जो मैं चल दू
तो जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊ |

मुझे याद है तो इतना तेरी जुस्तजू में था मैं मगर उसके बाद तो बस कहीं ख़ुद ही खो गया मैं |

जिन्दगी जख्मो से भरी है
वक्त को मरहम बनाना सीख लो
हारना तो है एक दिन मौत से
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो..!!

“रिश्ता” दिल से होना चाहिए
शब्दों से नहीं
“नाराजगी” शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!

Attitude Shayari


दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता
आशिकों का शराब के सिवा कोई हमदर्द नहीं होता
जब दिल टूटता है तो आँसू उनके भी निकलते हैं
जो कहते हैं कि मर्द को दर्द नहीं होता!!

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जब किसी के सपने किसी के अरमान बन जाये जब किसी की हसी किसी की मुस्कान बन जाए उसे सिर्फ और सिर्फ प्यार कहा करते हैं जब किसी की साँसे किसी की जान बन जाए |

चली आती है तेरी याद मेरे जहन में अक्सर तुझे हो ना हो तेरी यादो को जरूर मुझसे मोहब्बत है |

वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए।

जुदाई मोहब्बत मे जरुरी है
तभी तो पता चलता है की कोन किस के बिना कब तक जुदा रह पाता है |

अगर सीखना है दिए से तो जलना नहीं
मुस्कुराना सीखो अगर सीखना है सूर्य से तो डूबना नहीं उठना सीखो अगर पहुंचना हो शिखर पर तो राह पर चलना नहीं राह का निर्माण सीखो |

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है
इश्क मेरी रुह
तो दोस्ती मेरा ईमान है
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी
पर दोस्ती पर
मेरा इश्क भी कुर्बान है |

तुझे भूल जाने की कोशिश कभी कामयाब न हो सकी तेरी याद फूल-ऐ-गुलाब है
जो हवा चली तो महक गई |

यूँ दूरियों की आग में सुलगती है जाँ छुटता नही है दिल से तेरी याद का धुआँ |

मने इस बात का गम कोणी के बदल गया जमाना। मेरी ज़िन्दगी तो सर्फ तू ए कदे तू ना बदल जाना।

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है! जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है! दिल टूटकर बिखरता है इस कदर! जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!

मुझे हर पल तेरा इंतज़ार रहता है
हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है
तुझ बिन धडकनें रुक सी जाती हैं
कि तू दिल में धड़कन बनके रहता है।

दो बातें उनसे की तो दिल का दर्द खो गया लोगो ने हमसे पूछा आज तुम्हे क्या हो गया हम बेकरार आँखों से सिर्फ हंस पाए ये भी ना कह पाए की हमे प्यार हो गया |

यह माना के मुहब्बत करना है जुर्म मगर
यह जुर्म यारो बार बार करते हैं हम
वो बेवफा है संगदिल हैं जानते है मगर
उनपर यारो आज भी ऐतबार करते हैं हम!!

कभी आसूं तो कभी खुशी देखी
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी
उनकी नाराजगी को हम क्या समझे
हमने खुद कि तकदीर की बेबसी देखी |

उड़ जायेंगे तस्वीरों से
रंगो की तरह हम वक़्त की टहनी पर हैं
परिंदो की तरह हम |

आधी से ज्यादा शबे-ग़म काट चुका हूँ
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है।

ना वो कभी आ सके ना हम कभी जा सके
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके
बस खामोश बैठे हैं उनकी यादों में
ना उन्होंने याद किया ना हम उनको भूला सके।

ख़ाक से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती छोटी मोटी बात पे हिज़रत नहीं होती
पहले दीप जलें तो चर्चे होते थे और अब शहर जलें तो हैरत नहीं होती |

ज़िन्दगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने
एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।

आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं |

रिश्ता हम भाई बहन का
कभी खट्टा कभी मीठा
कभी रूठना कभी मनाना
कभी दोस्ती कभी झगड़ा
कभी रोना और कभी हसाना
ये रिश्ता है प्यार का
सबसे अलग सबसे अनोखा |

अकेले हम बूँद हैं
मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं
मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं
मिल जाए तो किताब हैं।

अपनी इंडिया में सरकार हो या शादी
बको एक साल में खुश खबरी चाहिए |

हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क जन्नत की सैर करा देता है इश्क दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क |

तुजे भुलाने के हज़ार तरीक़े सोचते रहे रात भर
और इस तरह तेरी याद में एक रात और गुज़र गयी |

जिन्हें पता है कि अकेलापन क्या होता है
वो लोग दूसरों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं |

प्यार करो तो हमेशा मुस्करा के किसी को धोखा ना दो अपना बना के कर लो याद जब तक हम ज़िंदा हैं फिर ना कहना कि चले गए दिल में यादें बसा कर |

कुछ घुट नशे की ले बैठी कुछ ले बैठी तेरी यारी रै। बोतल न तो भीतर का फुख्या पर तने फुखदी ज़िन्दगी सारी रै।

बेवफा वक़्त था.तुम थे.या मुकद्दर था मेरा बात इतनी ही है की अंजाम जुदाई निकला |

हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं
कभी किस्मत से टूट जाते हैं
कभी लोग तोड़ जाते हैं |

किस किस का नाम लें अपनी बरबादी में
बहुत लोग आये थे दुआएं देने शादी में।

अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे
अक्सर भूल भी जाता हूँ मैं तुझे
फिर जिंदगी का फिकापन तेरी कमी का अहसास दिला देता है |

निराशा निर्बलता का चिह्न है।

सिर्फ सांसें चलते रहने को ही ज़िंदगी नहीं कहते आँखों में कुछ ख़्वाब और दिल में उम्मीदें होना भी ज़रूरी हैं|

जिस तरह पानी को कोई जल
कोई आब
कोई वाटर कहते हैं
उसी तरह एक ही सच्चिदानंद परमेश्वर को कोई अल्लाह
कोई हरि
कोई गॉड कहकर पुकारते हैं।

तड़प के देख किसी की चाहत में
तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है
यूँ मिल जाए अगर कोई बिना तड़प के
तो कैसे पता चले कि प्यार क्या होता है |

प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही
याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही
रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है
आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही |

सीढियाँ उन्हें मुबारक हो जिन्हे सिर्फ छत तक जाना है
मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है |

कभी कभी ऐसी लडकी से शादी हो जाती है
जिसे लडका खुद सात जन्म तक नहीं पटा सकता |

साथ अगर दोगे तो मुस्कुरायेंगे जरूर प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे जरूर राह में कितने भी कांटे क्यों ना हो आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे जरूर |

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तेरी खुशियों पर मुस्कराने को जी चाहता है
हो तुझे दर्द तो उदास होने को जी चाहता है
तेरी मुस्कराहट ही इतनी प्यारी है कि
तुझे बार बार हसाने को जी चाहता है।

अब तो तेरे लिये हम अजनबी हो गये
बातों के सिलसिले भी कम हो गये
खुशियो से ज्यादा गम हो गये
क्या पता ये वक्त बुरा हे या बुरे हम हो गये |

मुझे रात दिन ये ख्याल है•वो नज़र से मुझको गिरा ना दें•मेरी ज़िन्दगी का दिया कहीं•ये ग़मो की आंधी बुझा ना दें|

काश यह जालिम जुदाई न होती
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती
न हम उनसे मिलते न प्यार होता
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती |

ना जाने मेरी मौत कैसी होगी पर ये तो तय है.
तेरी जुदाई से बेहतर होंगी |

क्या विश्वास नही तुम्हे हमारे विश्वास पे आज तुम फिर से ज़रा मेरी बातों पे एतबार तो करो यूँ ना कहो मुझे बेवफा
मैं बेवफा नही हूँ तुम मेरी वफ़ा को ज़रा समझने की कोशिश तो करो |

मत सोच की तेरा सपना क्यों पूरा नहीं होता हिम्मत वालों का इरादा कभी अधूरा नहीं होता जिस इंसान के करम अच्छे होते है उसके जीवन में कभी अँधेरा नहीं होता |

तेरी तस्वीरों में कुछ यादें मेरी भी हैं कुछ पलों की बातें अधूरी भी हैं |

“दहशत” सी होने लगी है इस सफ़र से अब तो ए-ज़िन्दगी कहीं तो पहुँचा दे ख़त्म होने से पहले |

नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते हैं सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते हैं कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं दिशा को बदलो किनारे खुद ब खुद बदल जाते हैं |

रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज
इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।

आसाराम
रामपाल
और बाबा राम रहीम पर आरोप के बाद कोई मनचला निर्मल बाबा के घर के बाहर एक बोर्ड टांग गया |

होता है राजे-इश्को-मुहब्बत इन्हीं से फाश
आंखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।

सिखा मुझसे ही मेरी मोहब्बत ने मोहब्बत करने का हुन्नर ! आज मेरी मोहब्बत गैरों से मोहब्बत रचा बैठी !!

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा; यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा; मुद्दत से बैठे हैं तेरे इंतज़ार में; कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा |

थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे।

जिनकी याद में हम दीवाने हो गए
वो हम ही से बेगाने हो गए
शायद उन्हें तालाश है अब नये प्यार की
क्यूंकि उनकी नज़र में हम पुराने हो गए |

देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं |

हमेशा के लिए अपने पास रख लो ना मुझे कोई पूछे तो कह देना किरायेदार है दिल का |

ज़िन्दगी एक हसीन ख्वाब है जिसमें जीने की चाहत होनीचाहिये गम खुद ही खुशी में बदल जायेंगे सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनीचाहिये |

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको ये पैगाम हैं
वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो |

दोस्तों की कमी को पहचानते है हम; दुनियाँ के गमों को भी जानते है हम; आप जैसे दोस्तों के ही सहारे
आज भी हँस कर जीना जानते है हम!!

तने भी मरते प्यार कोनियाउसने भी मरते प्यार कोनियाम्हारी जिंदगी तो इसी होरी हैज़ुकर भैंस की खोर मे न्यार कोनिया |

क्या करेंगे महफिलों में हम बता
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।

तेरी धड़कन ही ‪ज़िंदगी‬ का किस्सा है मेरा
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा
मेरी ‪‎मोहब्बत‬ तुझसे
सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा |‬‬

यमुना के तट पर घुमे मेरा चंचल कान्हा उसका मेरा प्यार जाने ये सारा जमाना मैं हूँ उसकी सदा से वो तो है मेरा मीत सुन ले आज चारों दिशाएं ख़ुशी के गीत. सबको कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

ये तुम किस बात से बिगड़ गये हो इतना
कोई झूठा सा इल्ज़ाम इस दिल पर लगा जाते
तुम्हे था रूठना हमसे
तो रूठने से ज़रा पहेले
कुछ हमसे सुना होता
कुछ अपनी सुना जाते |

खरीद सकते उन्हें तो अपनी जिंदगी देकर भी खरीद लेते
पर कुछ लोग “कीमत” से नही “किस्मत” से मिला करते हैं ।

अकेला ही चला था जानिब-ए-जेल मगर
बाबा आते गए और काफिला बनता गया |

यह मुस्कुराती हुई आँखें जिनमें रक्स करती है बहार
शफक की
गुल की
बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।

तेरी दोस्ती की आदत सी पड़ गयी है मुझे
कुछ देर तेरे साथ चलना बाकी है। शमसान मैं जलता छोड़ कर मत जाना
वरना रूह कहेगी कि रुक जा
अभी तेरे यार का दिल जलना बाकी है।

चाँद की एहमियत चाँदनी ही जाने
सागर की लहरों की एहमियत किनारा ही जाने
आपकी ज़िंदगी मे हमारी एहमियत क्या है
वो तो आपका प्यार भरा दिल ही जाने |

काला न कहो मेरे महबूब को
काला न कहो मेरे महबूब को
खुदा तो तिल ही बना रहा था
स्याही का प्याला लुढ़क गया।

मेरे आसु कुछ नही तेरी हसी के आगे मेरा गम कुछ नही तेरी खुशी के आगे तु कहे तो मर जाये हम मगर मेरी मौत भी कुछ नही तेरी जिंदगी के आगे |

मेरा कृष्ण कन्हैया बड़ा नटखट है मतवाला गोकुल का रखवारा है कोई कहे इसे कृष्णा कन्हैया कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई हो सबको |

तू भी बेवफा निकला औरों की तरह
सोचा था ! की हम तुझसे ज़माने की बेवफाई का गिला करेंगे |

मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।

उमर की रह मे इंसान बदल जाता है
वक़्त की आँधी मे तूफान बदल जाता है
सोचता हूँ तुम्हे परेशन ना करू
लेकिन बाद मे इरादा बदल जाता है |

उतर जाती हैं जो जहन में तो फिर जल्दी नींद नहीं आती ये कॉफ़ी और तुम्हारी यादें एक जैसी हैं |

आशिकों को मुहब्बत के अलावा अगर कुछ काम होता
तो मखाने जाके हर रोज़ यूँ बदनाम ना होता
मिल जाती चाहने वाली उसे भी कहीं राह में कोई
अगर कदमों में नशा और हाथ में जाम ना होता!!

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इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है ! खामोशियो की आदत हो गयी है ! न सीकवा रहा न शिकायत किसी से अगर है तो ! एक मोहब्बत जो इन तन्हाइयों से हो गई है |

दुखो के बोझ में ज़िन्दगी कुछ इस तरह डूबे जा रही हैं की मेरी हर एक चाहत
हर एक आस टूटे जा रही हैं |

क्या लाजवाब था तेरा छोड़ के जाना
भरी भरी आँखों से मुस्कुराये थे हम
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं
गुजर रहे हैं यूँ ही तन्हाई के मौसम।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको
ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

सच के रास्ते पे चलने का ये फ़ायदा हुआ रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी |

मुझे किसी कि ज़रूरत नहीं सिवाए तेरे मेरी नज़र को तलाश जिसकी बरसों से किसी के पास वो सूरत नहीं सिवाए तेरे जो मेरे दिल और ज़िन्दगी से खेल सके किसी को इतनी इजाजत नहीं सिवाए तेरे |

ज़िन्दगी की राहों में ऐसा अक्सर होता है फैसला जो मुश्किल हो वो ही बेहतर होता है |

सांस को बहुत देर लगती है आने में हर सांस से पहले तेरी याद आ जाती है |

मौत तो मोहब्बत है एक दिन गले जरूर लगायेगी
दिल धड़कता है तो बस इस बात पे क्या उस दिन
तेरी सूरत नज़रो के सामने कयामत बन के आयेगी
छोड देंगे ये जहाॅ पर रूह तेरी गलीयो मे रह जायेगी |

ये ज़िन्दगी जो मुझे कर्ज़दार करती रही
कभी अकेले में मिले तो हिसाब करूँ |

आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते
हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते
साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें
इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते।

मन्ने सिर्फ दो चीज़ां त डर लाग्या करै एक तेरा रोंण त दूसरा तन्ने खोंण त।

दिल में आने का रस्ता तो होता हैं लेकिन जाने का नहीं इसलिए जब कोई दिल से जाता हैं तो दिल तोड़ कर ही जाता हैं|

चीटिंग है — काला धन बाहर से लाने का कहा था- ये अंदर का निकाल रहे है!

कुछ तुम कहो
कुछ हम कहे
और एक कहानी बन जाये एक रोज़ पड़ेंगे लोग इन्हे
और मिसालें हमारी बन जाये

अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है ज़ब तू कुबूल है तो तेरा सब कुछ कुबूल है |

मेरे होटों से तेरे होंठों को गीला कर दू तेरे होंटो को मैं और भी रसीला कर दू तू इस कदर प्यार करे के प्यार की इन्तहा हो जाए
तेरे होंठों को चूस कर तुझे और जोशीला कर दू |

किसी को इतना भी न चाहो कि भुला न सको क्योंकि ! ज़िंदगी_इन्सान_और_मोहब्बत_तीनों_बेवफा‬ हैं !!

तन्नै अपणी तो मै बणाऊगाघर के मानगे
तो ठीक नी ठा ल्याउगातु कहै दिये अपणे भाई नैरोक कै दिखा दियो तेरे बाप के ‪‎जमाई‬ नै‬ |‬

वादे पे वो ऐतबार नहीं करते
हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते
डरता है दिल उनकी रुसवाई से
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते।

शतरंज‬ खेल रही है मेरी ‪जिंदगी‬ कुछ इस तरह
कभी तेरी मोहब्बत मात देती है कभी मेरी ‪किस्मत‬।‬‬

पाप एक प्रकार का अँधेरा है
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है।

कभी तुम पूछ लिया करना कभी हम भी ज़िक्र कर लिया करेंगे.. छुपाकर दिल के दर्द को.. एक दूसरे की फ़िक्र कर लिया करेंगे |

“शौक पूरे कर लो ज़िन्दगी तो खुद ही पूरी हो जाएगी एक दिन |

एक दिन हम आपसे इतनी दूर हो जाएँगे
के आसमान के इन तारो मे कही खो जाएँगे
आज मेरी परवाह नही आपको
पर देखना एक दिन हद से ज़्यादा हम आपको याद आएँगे!!

पालते हैं वे कबूतर पर कतरने के लिए
ताकि बेबस हों उन्हीं के घर उतरने के लिए |

कब उनकी आँखों से इज़हार होगा दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा गुज़र रही हे रात उनकी याद में कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा |

पानी को बर्फ में
बदलने में वक्त लगता है !! ढले हुए सूरज को
निकलने में वक्त लगता है |

इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं |

बेगानों से गुजर जाते है कोई बात नहीं होती
हम उनसे रोज मिलते हैं मगर मुलाक़ात नहीं होती
सूखे बंजर खेत जैसी जिंदगी बेहाल है
घटाएं घिर तो आती है मगर बरसात नहीं होती |

बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये
के वो आज नजरों से अपनी पिलाये
मजा तो तब ही आये पीने का यारो
शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए!!

तेरे हर दुःख न अपना बना लु तेरे हर गम न अपना बना लु मने आंदि कोणी चोरी करनी। वरना तेरे दिल न चुरा लू।

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

दोस्ती बुरी हो तो होने उसे मत दो
अगर हो गयी तो उसे खोने मत दो
और अगर दोस्त हो सबसे प्यारा तो
उसे चैन की नींद सोने मत दो।

नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा
वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा
उसे चिराग जलाने को मत कह देना
वह नासमझ है कहीं उंगलियां जला लेगा।

क़ैद ख़ानें हैं
बिन सलाख़ों के
कुछ यूँ चर्चें हैं
तुम्हारी आँखों के |

सुंदरता की तलाश में चाहे हम सारी दुनिया का चक्कर लगा आएं पर अगर वो हमारे अंदर नहीं है
तो कही नहीं मिलेगी |

क्यों डरें कि ज़िंदगी में क्या होगा ! हर वक़्त क्यों सोचें कि बुरा होगा ! बढ़ते रहें मंज़िलों की ओर हम ! कुछ ना भी मिला तो क्या तज़ुर्बा तो नया होगा |

ना जाने कौन सी बात आखरी होगी
ना जाने कौन सी रात आखरी होगी
करनी हैं तो कर लो जी भरकर बाते
ना जाने हमारी कौन सी सास आखरी होगी ।

पलकें झुकें
और नमन हो जाए मस्तक झुके
और वंदन हो जाए ऐसी नज़र
कंहाँ से लाऊँ
मेरे कन्हैया कि आपको याद करूँ और आपके दर्शन हो जाए |

पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है
आंखों ने मुहब्बत में बड़ा काम किया है।

इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।

जो एक बार दिल में बस जाये उसे हम निकाल नहीं सकते
जिसे दिल अपना बना ले उसे फिर कभी भुला नहीं सकते
वो जहाँ भी रहे ऐ खुदा हमेशा खुश रहे
उनके लिए कितना प्यार है हमें ये कभी हम जता नहीं सकते |

उस काम को
जिसे तुम दुसरे व्यक्ति में बुरा समझते हो
स्वयं त्याग दो परंतु दूसरों पर दोष मत लगाओ।

दिल‬ होना चाहिए जिगर होना चाहिए
आशिकी के लिए हुनर होना चाहिए
नजर से नजर मिलने पर ‪‎इश्क‬ नहीं होता
‪नजर‬ के उस पार भी एक असर होना चाहिए।‬‬

लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो की
कलम भी रोने को मजबूर हो जाये
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये |

एहतियातन देखता चल अपने साए की तरफ
इस तरह शायद तुझे एहसास-ए-तन्हाई न हो।

सबको नाच नचाये प्यारे कान्हा का गान दिल को मोहित कर दे मुरली की मीठी तान राधा संग रास रचाए कृष्णा हर रात तभी तो रहती हर होठों पर कृष्णा की बात. सबको कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी
क्योंकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज़ नहीं होते |

खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं !

आज भी बैठ्या हुँ उस्से जगहा जित तेरी जुल्फां की छाँ तै मेरी साँस थम जाया करतीउस्से सवाल का जवाब ढूंढते ढूंढते जो कद्दे मेरी आँख्या मै बस्या करते |

एक छोरी तै घना मजबूर एक छोरा होया करै। जो कालजा टूटण के बाद भी रोया ना करदा।

जो मुस्कुरा रहा है
उसे दर्द ने पाला होगा
जो चल रहा है उसके पाँव में ज़रूर छाला होगा
बिना संघर्ष के चमक नहीं मिलती
जो जल रहा है तिल-तिल
उसी दीए में उजाला होगा |

रख ले 2-4 बोतल कफ़न में
साथ बैठ कर पिया करेंगे
जब माँगे गा हिसाब गुनाहों का
एक पेग उसे भी दे दिया करेंगे!!

हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर
तुझपर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा
ना रोते हम यूँ तेरे लिये
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता |

आज तुम पे आँसुओं की बरसात होगी
फिर वही कडकती काली रात होगी
एस.एम.एस. न करके तूने जो दिल दुखाया मेरा
जा तेरे बदन में खुजली सारी रात होगी।

यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है
ये वो गुनाह है जो हम बार बार करते हैं
जलकर हसरत की राह पर चिराग
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते हैं।

अपनी जमीन अपना नया आसमान पैदा कर मांगने से जिंदगी कब मिली है ऐ दोस्त खुद ही अपना नया इतिहास पैदा कर |

किस्ती आला नै समंदर ना देख्या आँखों को देख्या पर दिल मै उतर कै ना देख्या पत्थर समझे है मेरे चाहन आले हाम तो मोम थे किसे नै छु कै ए ना देख्या |

Romantic Shayari


दुनिया को जिसने करना प्यार बेशुमार सिखाया सबके दिलों पर एकछत्र राज करना सिखाया उसकी मुरली की तान दीवाना मस्ताना बनाती है हर इक चाहने वाली रातों में सपने उसके सजाती है. सबको कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

यशोदा का लाल
देते उसको सब दुलार माखन खाने की करता सबसे मनुहार गोपियों संग करता नित-नई लीला अपार कृष्णा जन्माष्टमी लाये आपके जीवन में बहार |

ज़िंदगी में कभी प्यार करने का मन हो तो
अपने दुखों से प्यार करना क्योंकि
दुनिया का दस्तूर है दुनिया का दस्तूर है |

पुस्तकें मन के लिए साबुन का कार्य करती हैं।

हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए
न कि सुख।

आज रात जिस घर की लाइट्स जलती दिखे समझ लो की नोटों की गिनती चल रही हैं |

जब सफेद साड़ी पे लाल बिंदी लगाती हो
कसम से एम्बुलेंस नजर आती हो
वो तो घायलों को लेकर जाती है
और तुम घायल कर के जाती हो।

सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
दुनिया की वही रौनक दिल की वही तन्हाई।

अगर मै हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना
तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो मुझे माफ़ करना
रात में तुझे देख के तेरे दीदार के खातिर
पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना |

मोह्ब्बत किसी ऐसे शख्स की तलाश नही करती जिसके साथ रहा जाये
मोह्ब्बत तो ऐसे शख्स की तलाश करती हे जिसके बगेर रहा न जाये !!

वो मिसाल हम इश्क़ मे बनाएँगें; की आँखे जब तुम बंद करोगें तो बसइतना प्यार हम भर देंगे आपके दिल मे की; हम आएँगें; बस सब से पहले हम ही याद आएँगें |

भुला देंगे तुमे भी
ज़रा सबर तो कीजिए
तुम्हारी तरह बेवफा होने मे थोड़ा वक़्त तो लगेगा!!

कितनी बार कह राखी है छोड़ कै ना जायां कर मन्ने तेरे बिना जी कोणी लागदा मेरा।

मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में लड़ने वालों के कदमों में जहान होता है |

तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है
तेरी याद बहुत बेकरार करती है
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती हैं |

जिस जिस ने मुहब्बत में
अपने महबूब को खुदा कर दिया
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए
उनको जुदा कर दिया |

हमने तो अपनी मोहब्बत का इज़हार किया
मगर उसने फिर भी ना हमारा एतबार किया
मैं तो जहाँ से लड़ा
एक उसकी खातिर
उस बेवफा ने शिकवा फिर भी हज़ार किया!!

तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो तो हम ‘बिखरने’ से लगते हैं |

दिल का दर्द ना छुपा सके हम
यो गम किसे ने बता भी ना सके हम
क्यू कर सहे इश्स दर्द ने हम
महरि मजबूरी से किसे ते यो दर्द दिखा भी नही सकते हम |

तू मुझमें पहले भी था
तू मुझमें अब भी है। पहले मेरे लफ्जों में था अब मेरी खामोशियों में है।

प्यार किया बदनाम हो गए
चर्चे हमारे सरेआम हो गए
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा
जब हम उसके गुलाम हो गए

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किसी की मजबूरियों पर मत हँसिए कोई मजबूरियां खरीद कर नहीं लाता डरिये वक्त की मार से क्युकी बुरा वक्त किसी को बता कर नहीं आता |

साकी पिला रहा है और मैं पिए जा रहा हूँ
हर सांस पर बस नाम तेरा लिए जा रहा हूँ
ख्वाइश तो मरने की है फिर भी जिए जा रहा हूँ
जो आगाज़ तुम ने किया था मेरी बर्बादिओं का मैं उन्हें अंजाम दिए जा रहा हूँ |

शख्सियत‬ हमारी भी अजीब हैं यारों
ना वो थकते हैं ना हम बाज़ आते हैं
यूँहीं एक-दूसरे को आजमाते हैं
वो रोज़ चोट पे ‪चोट‬ करते हैं
हम भी रोज़ टूटते बिखरते हुए
संभल जाते हैं।‬

दो लाइन्स उनके लिए जो ज़िन्दगी के दुखो से परेशान हैं
ज़िन्दगी की उलझनों में फंस गए हैं |

जिसे धीरज है और जो मेहनत से नहीं घबराता
कामयाबी उसकी दासी है।

प्यार कहो तो दो ढाई लफ्ज़
मानो तो बन्दगी
सोचो तो गहरा सागर
डूबो तो ज़िन्दगी
करो तो आसान
निभाओ तो मुश्किल
बिखरे तो सारा जहाँ
और सिमटे तो तुम |

धूप गई छाँव गई दिन गया रात गई दिल से तेरी याद न गयी मिलने की फरियाद न गयी |

500 और 1000 के अकास्मिक मृत्यु। 100 का नोट
बना परिवार का मुखिया। पगड़ी रस्म कल।

प्यार में डूब कर देखो
एक अलग ही नजारा हैं इस चाहत भरी दुनिया में
एक नाम हमारा हैं|

याद आता है अक्सर वो गुजरा ज़माना
तेरी मीठी सी आवाज में भैया कहकर बुलाना
वो स्कूल के लिए सुबह मुझको जगाना
आई है राखी लेकर दीदी
यही है भाई-बहन के प्यार का तराना।

मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है |

तुम न जानो कान्हा कितना तुम्हे हम चाहते हैं तडपते दिल को मेरे बस तुमसे ही तो राहतें हैं तुम आ भी जाओ आँखों में अब आंसू आ पड़े हैं हो गयी अब रात राहों में तेरी हम खड़े हैं सबको कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

जिन्दगी आप बिन ऊलझन सी लगती है एक पल की जुदाई मुदत सी लगती है पहले तो ऐहसास था पर अब यकीन है हर लम्हा आपकी जरूरत सी लगती है |

टपकती है निगाहों से बरसती है अदाओं से
मोहब्बत कौन कहता है कि पहचानी नहीं जाती।

उस अल्लाह की स्तुति करनी चाहिए
जो समस्त संसार का चालक
दयालु
उदार पर अंतिम निर्णय के समय न्यायाधीश भी है।

तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को
ना कोई काम करता है
ना कोई बात सुनता है।

हात है जिसका हमारे उपर ये तेवर भी उसका वरदान है। शानसे जिना सिखाया जिसने महादेव उनका नाम है|

जज़्बात बहकता है
जब तुमसे मिलती हूँ
अरमां मचलता है
जब तुमसे मिलती हूँ
हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं
दिल से दिल मिलते हैं
जब तुमसे मिलती हूँ |

तन्हाई में भी कहते है लोग जरा महफ़िल में जिया करो
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में
और कहते है जरा तुम कम पिया करो!!

तेरा रूप ढला हो लेकिन कशिश नहीं तुझसे आज भी उतनी ही मोहब्बत है |

वाह रे वाह मोदी जी क्या दिमाग लगाया है काले धन का तो पता नहीं पर घरो की औरतो के खजाने का तो पता चल ही जायेगा |

जिन्दगी तो है पर कुछ खास नहीं
होठो पे उनका नाम तो है पर उन्हें एहसास नहीं
दिल में उनके लिए प्यार तो है पर उन्हें आभास नहीं
अपना बनाना चाहते हैं पर अब उन्हें अपना बनाने की उम्मीद भी हमारे पास नहीं।

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट
हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

तेरे चेहरे में मेरा नूर होगा फिर तूँ ना कभी मुझसे दूर होगा सोच क्या ख़ुशी मिलेगी जान उस पल जिस पल तेरी माँग में मेरे नाम का सिंधूर होगा।

आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है।

गहरी आँखों के समंदर में उतर जाने दे
प्यार का मुजरिम हूँ मुझे डूब के मर जाने दे
बिल कितने तेरे फ़ोन के भरे हैं मैंने
सोचता हूँ माँग लूँ पैसे मगर जाने दे।

न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना
खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना |

वो कह कर गया था मैं लौटकर आउंगा
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता
वो झूठ भी बोल रहा था बड़े सलीके से
मैं एतबार ना करता तो क्या क्या करता |

जब से समझा क्या हैं ये प्यार
करने लगे तबसे किसी का इंतज़ार
मांगने लगे उन्हें दुआओं में रब से
न जाने कब होगा उस चाँद का दीदार |

फटी जेब सी ज़िन्दगी
सिक्को से दिन लो आज फिर इक गिर कर गुम हो गया |

बस तेरे नाम से मेरा नाम जुडा रहे । इससे नहीं फर्क बेवफाई या वफा करे । कुछ तो हो तेरे नाम का पास मेरे । तेरे गम से ही बेशक मेरा दिल भरा रहे ।

कल रद्दी वाले आवाज लगायेंगे लो लो भाई 10 रुपयों किलो 500 के नोट 20 रुपयों किलो 1000 के नोट |

तुम्हे हक है अपनी जिन्दगी जैसे चाहे जीयो तुम
ज़रा एक पल के लिये सोचना मेरी ज़िन्दगी हो तुम |

कुछ ऐसे हादसे भी होते है जिंदगी में दोस्त
हजार का नोट रखने वाले सौ रुपये मांगते हैं।

सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो।

वो मोहब्बत भी तेरी थी
वो नफ़रत भी तेरी थी
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी तेरी थी
मैं अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता वो शहर भी तेरा था
वो अदालत भी तेरी थी |

दुआ कौन सी थी हमे याद नही बस इतना याद है
दो हथेलियाँ जुड़ी थी एक तेरी थी एक मेरी थी |

गम ने हसने न दिया ज़माने ने रोने न दिया इस उलझन ने चैन से जीने न दिया थक के जब सितारों से पनाह ली तो तेरी याद ने सोने न दिया |

ये आँखें हैं जो तुम्हारी
किसी ग़ज़ल की तरह खूबसूरत हैं कोई पढ़ ले इन्हें अगर इक दफ़ा तो शायर हो जाए|

एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो
ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।

तू दिल त मने नू ना पुकारा कर। नू तू मने इशारा ना कर। दूर हु तेर त या मेरी मज़बूरी है तू तन्हाईया म मने इतना तड़पाया ना कर।

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा |

जहाँ याद न आये तेरी वो तन्हाई किस काम की; बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की; बेशक़ अपनी मंज़िल तक जाना है हमें; लेकिन जहाँ से अपने न दिखें
वो ऊंचाई किस काम की।

किसी रोज़ होगी रोशन
मेरी भी ज़िंदगी
इंतज़ार सुबह का नही
तेरे लौट आने का है।

अगर कोई व्यक्ति आपसे जलता है
तो ये उसकी बुरी आदत नही
बल्कि आपकी काबिलियत है
जो उसे ये काम करने पे मजबूर करती है।

कश्ती के मुसाफिर ने समन्दर नहीं देखा
आँखों को देखा पर दिल मे उतर कर नहीं देखा
पत्थर समझते है मेरे चाहने वाले मुझे
हम तो मोम है किसी ने छूकर नहीं देखा।

आरज़ू मेरी
चाहत तेरी
तमन्ना मेरी
उल्फत तेरी
इबादत मेरी
मोहब्बत तेरी
बस तुझ से तुझ तक है दुनिया मेरी|

दिल में छुपाया राज हर खोला नहीं जाता गर घाव दे कोई लफ्ज वो बोला नहीं जाता कुछ तो यकीन किजिए इन चाहतों पे भी अविश्वास पे हर रिश्ता कभी तोला नहीं जाता।

क्यूँ हम किसी के ख्यालो मे खो जाते है
एक पल की दूरी मे रो जाते है कोई हमे इतना बता दो की
हम ही ऐसे है या प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते है |

हुँने की ए ते प्यार कोनी. की ए ने हम ते प्यार कोनी म्हरी जिंदगी तो इसीई होगी जानू भैसा की खोर मै न्यार कोनी |

सुना था तेरी महफिल में सुकूने-दिल भी मिलता है
मगर हम जब भी तेरी महफिल से आये
बेकरार आये |

तूफान मे लोगों को किनारे मिलते हैं
जहाँ मे लोगों को सहारे भी मिलते हैं
दुनिया मे सबसे प्यारी है ज़िंदगी
कुछ लोग ज़िंदगी से भी प्यारे मिलते हैं |

सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे |

मेरे दिल की सिम्त न देख तू
। किसी और का ये मुक़ाम है
यहाँ उसकी यादें मुक़ीम हैं
ये किसी को मैने दिया नही|

यूं तन्हाई मे बैठे ही मुस्करा लेते थे
जानते थे कि तुम साथ नहीं हो
आज सही मायनों मे साथ हो पर
मुस्कराने की वजह साथ नही |

जीवन की सुबह में कभी सांझ न हो जो मिल न सके रब से वो मांग न हो खूब चमकें सितारे खुशियों के ज़िन्दगी कभी अमावस का चाँद न हो |

आप हमसे हम आपसे प्यार पाते रहे मोहब्बत का एहसास युही जगाते रहे होके हमेशा के लिए एक दूसरे के वैलेंटाइन्स डे हम साथ मनाते रहे |

बाट वो ए देख सके सै जिसकी मोहब्बत सच्ची हो |

मेरी किसमत के हीरों का तुम इक ताज बन जाओ
कल की बात छोडो तुम मेरा आज बन जाओ
मै तो रोज करता हू मुहोब्बत डूब कर तुम से
मेरी इक बात मानो तुम मेरे हमराज़ बन जाओ |

हर दिन
रात होने का इंतज़ार करता हूँ
हर रात तेरे साथ होने का इंतज़ार करता हूँ।

गम ए आरज़ू तेरी आह में
शब् ए आरज़ू तेरी चाह में
जो उजड़ गया वो बसा नहीं
जो बिछड़ गया वो मिला नहीं |

मोहब्बत रोग बन जाये तो छोड़ देना तुम किसी के लिए ज़िन्दगी ज़ाया की नहीं जाती |

लोग अपना बना के छोड़ देते हैं
अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं
हम तो एक फूल ना तोड़ सके
नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं |

कुछ तो शराफत सीख ले इश्क शराब से
बोतल पे लिखा तो है मैं जानलेवा हूँ!!

दोस्त को दोस्त का इशारा याद रहेता हे
हर दोस्त को अपना दोस्ताना याद रहेता हे
कुछ पल सच्चे दोस्त के साथ तो गुजारो
वो अफ़साना मौत तक याद रहेता हे|

कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं
आंखों में आंखें डालकर देखा न कीजिए।

अगले बरसों कि तरह होंगे करीने तेरे
किसे मालुम नहीं बारह महीने तेरे।

आओ ताल्लुकात को कुछ और नाम दें
ये दोस्ती का नाम तो बदनाम हो गया |

काश प्यार का इन्श्योरेंस करवाया जाता
प्यार करने से पहले प्रीमियम भरवाया जाता
प्यार में वफ़ा मिली तो ठीक वर्ना
जो खर्चा होता उसका क्लेम दिलवाया जाता।

मुझे क़बूल है हर दर्द हर तकलीफ़ तेरी चाहत में सिर्फ़ इतना बता दो क्या तुम्हें मेरी मोहब्बत क़बूल है |

पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही |

मेरी शायरी के हर अलफ़ाज़ में मैंने आपको सजाया
मेरी यादों के हर किस्से में मैंने आपको ही पाया
ख़ुशी हो या गम साथ
आपने हर पल निभाया रोशन हुयी ज़िन्दगी जब से सनम आपको बनाया |

कभी हमसे लड़ती है
कभी हमसे झगड़ती है
लेकिन बिना कहे हमारी हर बात को समझने का हुनर भी बहन ही रखती है।

धीरे धीरे उम्र कट जाती है
जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है
कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है |

हर घडी एक नाम याद आता है कभी सुबह कभी शाम याद आता है सोचते है की कर ले फिर से मोहब्बत फिर हमे मोहब्बत का अंजाम याद आता है |

इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना के तेरी चाहतों से चलती है मेरी साँसें |

उसे भूल कर जिया तो क्या जिया
दम है तो उसे पाकर दिखा
लिख पथरों पर अपनी प्रेम कहानी
और सागर को बोल
दम है तो इसे मिटाकर दिखा.

मेरा दोस्त मुझसे यह कह कर दूर चला गया फ़राज़
कि दोस्ती दूर की अच्छी रोटी तंदूर की अच्छी।

आँखों के इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया
चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया
दिन की वो महफिलें गईं रातों के रतजगे गए
कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया।

तेरे इश्क का बुखार है मुझको
और हर चीज खाने की मनाही है
एक इश्क के हकीम ने सिर्फ
तेरे चमन की मौसमी बताई है।

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धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका |

ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है। शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।

दिलों में खोट है ज़ुबां से प्यार करते हैं बहुत से लोग दुनिया में यही व्यापार करते हैं

याद तुम्हारी ना आए ऐसा हम होने ना देंगे
दोस्त तुम्हारे जैसा हम खोने नही देंगे
एक दो स्मस करते रहना
वरना रात को हम सोने नही डेनेगे |

इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है
हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं।

पलट दूँगा सारी दुनिया मैं ऐ खुदा
बस रजाई में से निकलने की ताकत दे दे।

मैंने पूछा उनसे
भुला दिया मुझको कैसे चुटकियाँ बजा के वो बोली ऐसे
ऐसे
ऐसे |

जख्म जब मेरे सीने से बहार आयेंगे
आंसू भी मोती बनकर बिखर जायेंगे
ये न पूछों कि किसने कितना दर्द दिया है
वर्ना कई अपनो के चेहरे उतर जायेंगे |

सून पगली ये जो तुमसे इश्क़ बेपनाह है
यही मेरा गुनाह है
होंगे औरो के ख़ुदा लाखो लेकिन
मेरी तो बस एक तू ही मुमताज है |

तेरी दुनिया में कोई गम ना हो
तेरी खुशियाँ कभी कम न हो
भगवान तुझे ऐसी आइटम दे
जो सनी लिओनी से कम ना हो।

जिंदगी में सिर्फ ‘पाना’ ही सबकुछ नहीं होता
उसके साथ नट-बोल्ट भी चाहिए ।

शराब शरीर को खत्म करती है
शराब समाज को ख़तम करती है
आओ आज इस शराब को खत्म करते हैं
एक बॉटल तुम खत्म करो
एक बॉटल हम खत्म करते है!!

टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
की टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता!!

रेस वो लोग लगाते है जिसे अपनी किस्मत आजमानी हो
हम तो वो खिलाडी है जो अपनी किस्मत के साथ खेलते है |

ज़ीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने
खुली हो तो तलाश तेरी बंद हो तो ख्वाब तेरे।

धर्म तो मानव-समाज के लिए अफीम है।

ज़िंदगी है बड़ी नादान इसलिए चुप हूँ
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ
कहो तो कह दूं ज़माने से दास्तान अपनी
उसमे आएगा तुम्हारा नाम इसलिए चुप हूँ |

बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है
सुना है
वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!

हम मोहब्बत की जुबाँ समझते हैं भई आप ये जुबाँ बोलते हैं क्या |

खोल दे पंख मेरे
कहता है परिंदा
अभी और उड़ान बाकी है
जमीं नहीं है मंजिल मेरी
अभी पूरा आसमान बाकी है
लहरों की ख़ामोशी को समंदर की बेबसी मत समझ ऐ नादाँ
जितनी गहराई अन्दर है
बाहर उतना तूफ़ान बाकी है|

ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते
चलो अच्छा हुआ अपनों मैं कोई ग़ैर तो निकला
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते |

बिन बात के ही रूठने की आदत है; किसी अपने का साथ पाने की चाहत है; आप खुश रहें
मेरा क्या है; मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।

इन्तिहा आज इश्क की कर दी
आप के नाम ज़िन्दगी कर दी
था अँधेरा गरीब खाने में
आप ने आ के रोशनी कर दी |

जब जब घिरे बादल तेरी याद आई
जब झूम के बरसा सावन तेरी याद आई
जब जब मैं भीगा मुझे तेरी याद आई
मेरे भाई तूने मेरी छतरी करूं नहीं लौटाई।

पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है
ये तो बस वोही जान सकता है
मेरी तन्हाई का आलम
जिसने ज़िंदगी में
किसी को पाने से पहले खोया हो |

उम्मीद नहीं है फिर भी जिए जा रहा हूँ
खाली है बोतल फिर भी पिए जा रहा हूँ
पता नहीं वो मिलेंगे या नहीं
इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए पिए जा रहा हूँ!!

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चाहे धैर्य थकी घोड़ी हो
परंतु फिर भी वह धीरे-धीरे चलेगी अवश्य।

मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।

खयाल को आहट की आस रहती है
निगाह को किसी सूरत की तलाश रहती है
तेरे बिन कोई कमी नहीं है ऐ दोस्त
बस गली वाली जमादारनी उदास रहती है।

किसी उदास मौसम में
मेरी आँखों पे वो हाथ रख दे अपना
और हस्ती हुई कह दे
पहचान लो तो हम तुम्हारे ना पहचानो तो तुम हुमारे |

दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला।

इस दुनियाँ में सब कुछ बिकता है
फिर जुदाई ही रिश्वत क्युँ नही लेती? मरता नहीं है कोई किसी से जुदा होकर
बस यादें ही हैं जो जीने नहीं देती |

पत्नी अर्धांगिनी होती है
इसलिए उसे आधी जानकारी ही दें
जीवन के आधे कष्ट कम हो जायेंगे |

दिल की यादो मै सवारूँ तुझे
तू दिखे तो आँखो मै उतारू तुझे
तेरे नाम को लबो पर ऐसे सजाऊ
सो जाऊ तो ख्वाबो मे पुकारू तुझे |

हुआ था शोर पिछली रात को दो “चाँद” निकले हैं
बताओ क्या ज़रूरत थीं “तुम्हे” छत पर टहलने की |

यूँ ही गुजर जाते हैं मीठे लम्हे किसी मुसाफिर की तरह .. और यादें वहीँ खड़ी रह जाती हैं रुके रास्तों की तरह |

कौन कहता है की ज़िन्दगी बहुत छोटी है सच तो ये है की हम जीना ही देर से शुरू करते है |

ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते है फिर चाहे वह अभिमान का हो या सामान का |

Dosti Shayari


जीत हासिल करनी हो तो
काबिलियत बढ़ाओं
किस्मत की रोटी तो कुत्तों को भी नसीब होती है।

जीने को कोइ बहाना बता दो तेरी याद में रोज़ मरती हूँ मैं |

कभी तो ऐसी भी हवा चले कौन कैसा है पता तो चले |

हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है ! तुझे चाहा इसलिए कि शायद तेरी फितरत बदल जाये !!

मन को भाये कान्हा की मनभावन मूरत हटती नहीं दिल से उसकी प्यारी सूरत यही तो है कान्हा की महिमा और प्यार मुबारक हो आपको कृष्णा जन्माष्टमी का त्योंहार |

एक सुकून सा मिलता है. तुझे सोचने से भी. फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है |

होके मायूस ना आँगन से उखाड़ो ये पौधे धूप बरसी है यहाँ तो बारिश भी यही पे होगी।

बिन उस की ज़िंदगी दर्द-ए-तन्हाई है
मेरी आँखों में क्यू मौत सिमट आई है
कहते हैं लोग इश्क़ को इबादत यारो
इबादत में फिर क्यू इतनी रुसवाई है |

ये आईने नही दे सकते तुम्हे तुम्हारी खूबसूरती की सच्ची ख़बर
कभी मेरी इन आँखों में झांक कर देखो की कितनी हसीन हो |

आप तो चाँद हे जिसे सब याद करते हे
हमारी किस्मत तो तारों जेसी हे
याद तो दूर
लोग अपनी ख्वाहिश के लिए हमारी टूटने की फरियाद करते हे |

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी! दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी!! ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त! तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी!!

ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे |

मेरे हाथों में जाम के प्याले है
मेरी ज़िन्दगी तेरे हवाले है
न रौंद तू इस तरह मेरी चाहत को ज़ालिम
मेरे दिल में तेरी मोहब्बत के छाले है!!

आरज़ू
हसरत
तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही
ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही |

मैंने उस से वफ़ा की उम्मीद लगा रखी थी दोस्तों ! जिसके चर्चे आम थे बाजार में बेवफाई के दोस्तों |

अब हर भाई के हाथ पे होगा रंग-बिरंगे रेशम का तार
भाई बहन का प्यार बढ़ाने आया राखी का त्यौहार। हैप्पी राखी।

यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने |

यादें जब आती हैं बनजाते हैं रुसवाइयों के बवंडर आँखों से आँसुंओं की धार निकल जाती है अँधेरे उजले पथ पर चलते चलते एक टूटी तस्वीर उभर जाती है ।

सुर्ख आँखो से जब वो देखती है
हम घबराकर आँखे झुका लेते है
क्यू मिलाए उन आँखो से आखे
सुना है वो आखो से अपना बना लेती है |

बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना |

यादो की कसक..साँसों की थकन..आँखों में नमी सी है. ज़िन्दगी तुझमे सब है
फिर काहे की कमी सी है |

बस यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले
कब लौट के आते हैं छोड़ कर जाने वाले।

रहने दे ये किताब तेरे काम की नहीं
इस में लिखे हुए हैं वफाओं के तज़करे।

ए दोस्त कौन कहता है की मुझ में कोई कमाल रखा है मुझे तो बस कुछ दोस्तो ने संभाल रक्खा है |

मनुष्य के लिए निराशा के समान दूसरा पाप नहीं है। इसलिए मनुष्य को इस पापरुपिनी निराशा को समूल हटाकर आशावादी बनना चाहिए।

कृष्णा जिसका नाम है
गोकुल जिसका धाम है
ऐसे भगवन को हम सब का परनाम है. कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये |

पी के रात को हम उनको भुलाने लगे
शराब में गम को मिलाने लगे
दारू भी बेवफा निकली यारों
नशे में तो वो और भी याद आने लगे!!

इश्क को सर का दर्द कहने वाले सुन
हमने तो ये दर्द अपने सर ले लिया
हमारी निगाहों से बचकर वो कहाँ जायेंगे
हमने उनके मोहल्ले में ही घर ले लिया।

तेरे होंठो की लाली आज मुझे बहका रही हैं तेरे बदन की खुशबू मुझे महका रही हैं मेरी जान तुझे वैलेंटाइन्स डे मुबारक हो
आजा करीब तुझे छूने को बेचेनी बढ़ रही है |

ना हथियार से मिलते है
ना अधिकार से मिलते है
दिलो में जगह अपने व्यवहार से मिलते है

उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो |

ख्वाब तो वो है जिसका हकीकत मे भी दीदार हो
कोई मिले तो इस कदर मिले
जिसे मुझ से ही नही मेरी रूह से भी प्यार हो |

एक जाम उलफत के नाम
एक जाम मुहब्बत के नाम. एक जाम वफ़ा के नाम
पूरी बोतल बेवफा के नाम
और पूरा ठेका दोस्तों के नाम!!

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

संकट के समय धैर्य धारण करना मानो आधी लड़ाई जीत लेना है।

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए
महसूस हुआ तब
जब वो जुदा हुए
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए |

तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ
यहाँ तो हर कोई अब भी
मुझे
तेरा समझता हैं |

“आकाश” ना आई तुम्हें करने मोहब्बत जिससे हो मोहब्बत उसे कोसते हैं क्या |

ऐ चाँद चला जा क्यो आया है मेरी चौखट पे
छोड़ गया वो सख्स जिसके धोखे में हम तुझे देखते थे।

ज़िदगी जीने के लिये मिली थी
लोगों ने सोचने में ही गुज़ार दी |

अच्छा लगता हैं तेरा नाम मेरे नाम के साथ
जैसे कोई खूबसूरत सुबह जुड़ी हो
किसी हसीन शाम के साथ !

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आँखों ने जर्रे-जर्रे पर सजदे लुटाये हैं
क्या जाने जा छुपा मेरा पर्दानशीं कहाँ।

उनकी चाहत मे दिल मजबूर हो गया
बेवफ़ाई करना उनका दस्तूर हो गया
कसूर उनका नही मेरा था
हमने चाहा ही इतना की उनको शायद गुरूर हो गया!!

राज ये दिल मै छुपा रखा है
तुम्हे अपना बना रखा है
कैसे हो जुदा तुमसे हम
तुम्हे ज़िन्दगी बना रखा है|

विश्वास वह पक्षी है
जो प्रभात के पूर्व अंधकार मेँ ही प्रकाश का अनुभव करने लगता है और गाने लगता है |

नाराज मत हुआ करो कुछ अच्छा नहीं लगता है
तेरे हसीन चेहरे पर यह गुस्सा नहीं सजता है
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
हो जाती है कभी कभी गलती माफ कर दिया करो
चाहने वालों से बेदर्दी यह नुस्खा नहीं जंजता है |

आँखों के सामने हर पल आपको पाया है
अपने दिल में सिर्फ आपको ही बसाया है
आपके बिना हम जिए तो भी कैसे
भला जान के बिना भी कोई जी पाया है

मैं फ़रमाईश हूँ उसकी
वो इबादत है मेरी
इतनी आसानी से कैसे निकाल दू उसे अपने दिल से
मैं ख्वाब हूँ उसका
वो हकीकत है मेरी |

कितनी आसानी से कह दिया तुमने
की बस अब तुम मुझे भूल जाओ
साफ साफ लफ्जो मे कह दिया होता
की बहुत जी लिये अब तुम मर जाओ |

वातावरण को जो महका दे उसे ‘इत्र’ कहते हैं
जीवन को जो महका दे उसे ही ‘मित्र’ कहते हैं |

चारों तरफ तन्हाई का साया है
ज़िन्दगी में प्यार किसने पाया है
हम यादों में झूमते हैं उनकी
और ज़माना कहता है आज फिर पीकर आया है!!

हवाओं से कह दो अपनी औकात में रहे हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं |

आदतन तुमने कर दिये वादे
आदतन हमने भी ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुककर
हमने अपना ही इंतजार किया।

मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों
कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती।

बेवजह हम वजह दुढ़ते है तेरे पास आने को ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसने को बुझी नही प्यास इन होठो की अभी ना जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस दीवाने को |

उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक के ज्यादा नजदीक होते हैं।

अब ना बातो की जरुरत हैं
निगाहो से अब सारी बात कीजिये बड़ा उजाला हैं आपके नूर से
जुल्फे खोल के अब रात कीजिये बड़ी मुद्दत से इंतजार में हूँ
आपके सिरहाने नींद के लिए अपनी बाहों का सहारा दे के. मुझे ये हसीन खवाब दीजिये |

मोहब्बत का मतलब इंतज़ार नही होता
हर किसी को देखना प्यार नही होता
यू तो मिलता है रोज़ मोहब्बत-ए-पैगाम
प्यार है ज़िंदगी जो हर बार नही होता |

पति बाल कटवाकर घर लौटा और पत्नी से बोला
“देखो मैं तुमसे 10 साल छोटा लगता हूं या नहीं?” हाजिर जवाब पत्नी बोली
“मुंडन करवा ले ऐसा लगेगा अभी-अभी पैदा हुआ है।”

में धारक को 500 और 1000 रुपए के नोट अदा करने का वचन वापस लेता हूँ |

आँखो को इंतजार की सोगात सोप कर
मोहब्बत खुद आराम से कही सो जाती है
ज़िस्म करवट बदलता है रात भर अकेला
रूह तेरी गलीयो की बंजारन हो जाती है |

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नोटबंदी का एक ये भी असर नजर आया
वो बेवफा फिर से मेरे दर पे नजर आया।

मैं तो खुद अपने से भी अजनबी सा बन गया
तू बता मुझसे जुदा होकर तुझे कैसा लगा।

जैसा करोगे आप वैसा ही पाओगे सदा
आज सबके होठो पर यह सच्चाई मिली
मगर कैसे मान लूँ मैं इस बात को सच
मुझको तो वफ़ा के बदले बेवफ़ाई मिली!!

तकदीरें बदल जाती हैं
जब ज़िन्दगी का कोई मकसद हो; वर्ना ज़िन्दगी कट ही जाती है ‘तकदीर’ को इल्ज़ाम देते देते |

कहा मिलेगा तुम्हे मुझ जैसा कोई; जो तुम्हारे सितम भी सहे; और तुमसे मोहब्बत भी करे |

मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है |

आप खुद भी नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो जान तो हमारी हो पर जान से प्यारी हो
दूरियां होने से कोई फरक नहीं पड़ता
आप कल भी हमारी थी और आज भी हमारी हो।

सुना था मोहब्बत मिलती है
मोहब्बत के बदले हमारी बारी आई तो
रिवाज हि बदल गया |

मजबूरी में जब कोई जुदा होता है
ज़रूरी नही के वो बेवफा होता है
देख कर वो आपकी आँखो मे आँसू
अकेले मे आपसे भी ज़्यादा रोता है!!

इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया
हर ख़ुशी से हमे अंजान कर दिया
हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो
लेकिन आपकी एक नज़र ने हमें नीलाम कर दिया।

हम आज भी उसका इंतज़ार करा सा
हम आज भी उसने इतना प्यार करा सा
एक बार प्यार ते बोल के तो देखे
हम आज भी उस पे जान निसार करा सा |

दिन हो भले ही रात हो
बस याद तेरी ही आती है
कैसे कहूं के मैं ठीक हू
यह हरदम मुझको रूलाती है
अब तो यारो खुद से भी
मुझको वफ़ा की उमीद नही
मोहब्बत ऐसी सही है यारो
जिसे सकते कभी खरीद नही!!

नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू |

आखिर क्यों बस जाते हैं दिल में बिना इजाज़त लिए वो लोग जिन्हे हम ज़िन्दगी में कभी पा नहीं सकते |

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है
शामें कटती नहीं
और साल गुज़रते चले जा रहे है |

मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।

मेरी चाहत की तू आजमाइश ना कर । ये इश्क है इबादत तू नुमाइश ना कर।। रहने दे ये भ्रम के तू साथ है हमेशा। भूल जाऊँ मैं तुझे
तू फरमाइश ना कर।

हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है अभी ज़िन्दा है माँ मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है |

तमाम नीदें गिरवी है हमारी उसके पास जिससे जरा सी मोहब्बत की थी |

अभी को असली मंजिल पाना बाकी है अभी तो इरादों का इम्तिहान बाकी है अभी तो तोली है मुट्ठी भर जमीन अभी तोलना आसमान बाकी है |

कभी कभी मेरी आँखे यूँ ही रो पडती है
मै इनको कैसे समझाऊँ
कि कोई शक्स सिर्फ चाहने से ही अपना नही हो जाता
किस्मत की लकीरें भी चाहिए |

तीन चीजें इंसान कभी नहीं खो सकता शांति
आशा
और ईमानदारी |

फिर कोई मोड़ लेने वाली है ज़िन्दगी शायद अब के फिर हवाओं में
एक बे-करारी है |

मैं आईना हूँ टूटना मेरी फितरत है
इसलिए पत्थरों से मुझे कोई गिला नहीं
मेरी किस्मत में तो कुछ यूँ लिखा है
किसी ने वक्त गुज़ारने के लिए अपना बनाया
तो किसी ने अपना बनाकर वक्त गुजार लिया |

प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है.. मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी |

जो तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !

फूलों का तारों का सब का कहना है। . एक हज़ारों में मेरे भईया हैं लव यू अलॉट |

मैं छुपाना जानता तो जग मुझे साधू समझता शत्रु मेरा बन गया है छलरहित व्यवहार मेरा |

जो चीज विकार को मिटा सके। राग-व्देष को कम कर सके। जिस चीज के उपयोग से मन सूली पर चढ़ते समय भी सत्य पर डटा रहे वही धर्म की शिक्षा है।

नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते है
सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते है
कश्तियाँ बदलने की जरूरत नहीं
दिशा को बदलो तो किनारे ख़ुद ब खुद बदल जाते है |

शाम भी खास है
वक़्त भी खास है
तुझको भी एहसास है
तो मुझको भी एहसास है
इससे जयादा मुझे और क्या चाहिए
जब मैं तेरे पास
और तु मेरे पास है |

एक मुख़्तसर लम्हा ही तो था अपने पीछे ना जाने कितनी यादें छोड़ गया |

मुझसे जब भी मिलो नजरें उठाकर मिलो
मुझे पसंद है अपनेआप को तुम्हारी आँखों में देखना |

आसुओ को पलकों में लाया न कीजिये
दिल की बात हर किसी को बताया न कीजिये
मुट्ठी में नमक लेकर गुमते है लोग
अपने ज़ख़्म हर किसी को दिखाया न कीजिये |

तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना
हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते |

अनजान एक साथी का इस दिल को इंतजार हैं
बहुत प्यासी हैं ये आँखें और दिल बेकरार हैं उनके साथ मिल जाए तो हर राह आसान हो जाएगी शायद इसी अनोखे एहसास का नाम प्यार हैं |

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।

है मोहलत “चार” दिन की

और हैं “सौ” काम करने को
हमें “जीना” भी है
“मरने” की तैयारी भी करनी है|

आज रात को आराम से सोये चोर भी आने से पहले 100 बार सोचेगा |

तेरी याद को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी |

यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है
जलकर हसरत की राह पर चिराग
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है |

कसुती मासुम थी वाजिसकॆ स्यामी बॆठ लिखना सीखा थाबडी अजीब थी उसकी हास्सीजिसके स्यामी हर पकवान फीका थाफेर तन्हा करग्यी जो थामा था उसने मेरा हाथबहोत दुर चली ग्यी छोड क मन्नॆ मेरी कलम के साथ ।

ख्वाब ख्याल
मोहब्बत
हक़ीक़त
गम और तन्हाई
ज़रा सी उम्र मेरी किस-किस के साथ गुज़र गयी !!!

कष्ट और क्षति सहने के पश्चात् मनुष्य अधिक विनम्र और ज्ञानी हो जाता है।

आज बादलों ने फिर साजिश की जहाँ मेरा घर था वहीं बारिश की अगर फलक को जिद है बिजलियाँ गिराने की तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियाँ बसाने की |

जब वादा किया है तो निभाएंगे; सूरज किरण बन कर छत पर आएंगे; हम हैं तो जुदाई का ग़म कैसा; तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएंगे |

मोहब्बत हमने सीखी है चराग़ों की शमाओं से कभी तो रात आएगी कभी तो लौ जलाओगे |

गुजरा हैं मोहब्बत में कुछ ऐसा भी ज़माना रूठा हूँ अगर तो मनाया था हमे भी किसी ने |

बुझी शमां भी जल सकती है तूफान से कश्ती भी निकल सकती है होके मायूस यूं ना अपने इरादे बदल तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है |

किसी को मोहब्बत में जुदाई न मिले किसी को मोहब्बत में जुदाई न मिले और जो पोस्ट को लाइक ना करे उसे कड़कड़ाती ठंड में रजाई ना मिले |

यूँ तो इस दर्द की इन्तहा कुछ नहीँ
गिला ये है कि जाते हुए कहा कुछ नहीँ
ताकते रहे बस जाने से पहले वो
लब कुछ तो कह रहे थे
क्यों सुना कुछ नहीँ |

सच्चे दोस्त हमे कभी गिरने नहीं देते
ना किसी कि नजरों मे
ना किसी के कदमों मे.!!

उसके इंतजार के मारे है हम
बस उसकी यादों के सहारे है हम
दुनियाँ जीत के कहना क्या है अब
जिसे दुनियाँ से जीतना था आज उसी से हारे है हम |

जवानी के दिन चमकीले हो गए
हुस्न के तेवर नुकीले हो गए
हम इज़हार करने में रह गए
उधर उनके हाथ पीले हो गए।

दर्द के सिवा कभी कुछ न दिया
गज़ब के हमदर्द हो आप मेरे |

सामने हो मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना जो भी मन में हो वो सपना मत तोड़ना कदम कदम पर मिलेगी मुश्किल आपको बस सितारे छूने के लिए जमीन मत छोड़ना |

मिटा दो अब तो रंजिशो को सारी
यूँ रूठ कर कब तक तडपाओगी हमें सुनो ना
जान थे हम भी कभी तुम्हारी
कब तक साँसो से दूर रखपाओगी हमें |

आज फिर दिल ने कहा आओ भुला दें यादें भूल जाना भी तो इक तरह की नेअमत है वरना इंसान को पागल न बना दें यादें |

बहुत दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला

कोरे कागज पर हमने अपनी कहानी लिख दी
मिला जाे दुनिया से हमें
उससे हमने शायरी लिख दी
फिर क्यों अाखों के आसुओं में तेरी कमी है दिखती
अाैर मेरे जिंदगी की किताब पर तेरे एहसास की निशानी दिखती |

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तुझसे ज्यादा तेरी याद को है मुझसे हमदर्दी
देखती है मुझे तन्हा तो चली आती है |

होंठों पे आज उनका नाम आ गया
प्यासे के हाथ में आज जाम आ गया
डोले कदम तो गिरे उनकी बाहों मैं जाके
आज तो पीना भी हमारे काम आ गया!!

पल पल हर पल तुमको पुकारू जनम जनम से बाट निहारु कर दे कृपा तोपे तन मन वारू अपने बाग का फूल समझ कर प्रेम करो कृष्णा प्रेम करो कृष्णा |

“पैसा” कमाने के लिये इतना वक़्त⏰खर्च ना करो की
“पैसे” खर्च करने के लिये ज़िन्दगी में वक़्त ही ना मिले।

रब से आपकी खुशीयां मांगते है
दुआओं में आपकी हंसी मांगते है
सोचते है आपसे क्या मांगे
चलो आपसे उम्र भर की मोहब्बत मांगते है |

याद है हमारा वो बचपन
वो लड़ना – झगड़ना और वो मना लेना
यही होता है भाई – बहन का प्यार
और इसी प्यार को बढ़ाने के लिए आ रहा है रक्षा बंधन का त्यौहार।

महफ़िल में इस कदर पीने का दौर था
हमको पिलाने के लिए सबका जोर था
पी गए हम इतनी यारो के कहने पर
न अपना गौर था न ज़माने का गौर था!!

निगाहों से कत्ल कर दे न हो तकलीफ दोनों को
तुझे खंजर उठाने की मुझे गर्दन झुकाने की।

लफ्ज़ वही हैं
माईने बदल गये हैं ! किरदार वही
अफ़साने बदल गये हैं ! उलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझाते ! ज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं !!

आख़िर तुम भी उस आइने की तरह ही निकले जो भी सामने आया तुम उसी के हो गए |

तेरी यादें अक्सर छेड़ जाया करती हैं कभी अा़ँखों का पानी बनकर कभी हवा का झोंका बनकर |

सिर्फ मोहब्बत को पाना ही मोहब्बत नहीं होती
कभी तुम भी कर लेते ऐतबार तो ये दुरी न होती
माफ़ कर देना गलतियों को मेरे
तुम्हे चोट पोहचे ऐसी कभी मेरी तमन्ना नहीं होती |

दिल के पास आपका घर बना लिया
ख्वाबों में आपको बसा लिया
मत पूछो कितना चाहते हैं आपको
आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।

कुछ चेहरे लाजवाब लगते हैं
मोहब्बत के लम्हें शराब लगते हैं
दर्द इतने सहे मोहब्बत में मैंने
कि अब होश के पल खराब लगते हैं!!

तुम्हारी इस अदा पे क्या जवाब दूँ
अपने यार को क्या तोहफा दूँ
कोई अच्छा सा फूल होता तो मंगवाता
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दूँ |

खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं।

जो लोग एक तरफा प्यार करते है
अपनी ज़िन्दगी को खुद बर्बाद करते है
नहीं मिलता बिना नसीब के कुछ भी
फिर भी लोग खुद पर अत्याचार करते है |

चौराहे पर खड़ी ज़िन्दगी
बीच रास्ते पड़ी ज़िन्दगी
बच्चों सी है शायद आज अपनी जिद पर अड़ी ज़िन्दगी |

एक सफल व्यक्ति बनने की कोशिश मत करो
बल्कि मूल्यों पर चलने वाले व्यक्ति बनो |

Dard Bhari Shayari


इन आँखों ने भी दम तोड़ दिया तेरे आने के एतबार में मुझे याद है वादा फरोशी तेरी तू ये इंतज़ार याद रखना |

तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी
तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया।

रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ
कुछ तो मेरे इश्क़ का रहने दे भरम
तू भी तो कभी मुझे मनाने के लिए आ।

ज़िन्दगी की हक़ीक़त बस इतनी सी हैं
की इंसान पल भर में याद बन जाता हैं |

कभी आपको याद आई कभी हमने याद किया खैर छोड़ो ये बेकार सियासत चलो आओ बात करें |

दिल में हो आप तो कोई और खास कैसे होगा
यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा
हिचकियां कहती हैं आप याद करते हो
पर बोलोगे नहीं तो हमें एहसास कैसे होगा |

सुबह तो खुशनुमा थी
क्यों शाम मुझे फिर तनहा छोड़ गयी
मंजिल दिखी ही थी
कि ज़िन्दगी फिर रास्ता मोड़ गयी |

इतनी पीता हूँ कि मदहोश रहता हूँ
सब कुछ समझता हूँ पर खामोश रहता हूँ
जो लोग करते हैं मुझे गिराने की कोशिश
मैं अक्सर उन्ही के साथ रहता हूँ!!

यूँ तो मोहब्बत की सारी हकीक़त से वाकिफ है हम
पर उसे देखा तो सोचा चलो ज़िन्दगी बर्बाद कर ही लेते है |

ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो मोहब्बत नहीँ करतेँ |

दिल में कोई गम नहीं बातों में कोई दम नहीं
ये ग्रुप है नवाबो का यहाँ कोई किसीसे कम नहीं।

पी है शराब हर गली हर दुकान से
एक दोस्ती सी हो गई है शराब के जाम से
गुज़रे हैं हम इश्क़ में कुछ ऐसे मुकाम से
की नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से!!

ज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैं जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं |

अपने जीवन का ध्येय बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति
जो भगवान ने तुम्हें दी है
उसमें लगा दो।

कौन याद रखता हैं गुजरे हुए वक़्त के साथी को लोग तो दो दिन में नाम तक भुला देते हैं |

सुबह शाम तरी घनी याद आवे से
सारी रात मानने जागवे से
करने को कर लू कॉल तनने
पेर कस्टमर केर की वा चोरी बार बार बॅलेन्स लो बटावे से!

कैसे मुमकिन था किसी दवा से इलाज़ ग़ालिब। इश्क का रोग था माँ की चप्पल से ही आराम आया।

न जाने वो कोण इतना हसीन होवेगा। तेर हाथ में जिसका हाथ होवेगा। कोए तने चावे या कोए बड़ी बात कोणी। जिस न तू चावेगी वो खुश नसीब होवेगा।

हम अंजुमन में सबकी तरफ देखते रहे
अपनी तरह से कोई हमें अकेला नहीं मिला।

रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम
ग़लती हुई क्यू के इंसान थे हम
आज जिन्हे नज़रे मिलने मे तकलीफ़ होती है
कभी उसी शख्स की जान थे हम!!

क्या पता था प्यार करके दिल तोड़ जायेगी
दिल मे प्यार भर के मुँह मोड़ जाएगी
ऐ बेवफा
तू जिससे भी दिल लगाएगी देखना
कभी चैन की सांस ना ले पाएगी |

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है !!

एक शाम आती है तुम्हारी याद लेकर
एक शाम जाती है तुम्हारी याद देकर
पर मुझे तो उस शाम का इंतेज़ार है
जो आए तुम्हे अपने साथ लेकर |

कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।

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