Cinderella Kahani |
Cinderella Kahani
कई साल पहले की बात है। एक गाओं में एक ब्यापारी अपनी छोटी बेटी एला के साथ रहते थे। एला की माँ गुजर चुकी थी। एला के पिताजी अक्षर देखते थे के उनकी बेटी धीरे धीरे बड़ी हो रही है और उससे एक माँ की आँचल की जरुरत पड़ेगी। यही सोच कर वो उसी गाओं के एक बिधवा औरत से शादी कर ली। उस विधवा औरत की पहले से ही दो और बेटियाँ थी।सुरु सुरु में एला की सौतेली माँ एला की देख भाल की ढोंग करि लेकिन दिन बा दिन उसकी ब्यबहार में खट्टापन्न आने सुरु होगये। सौतेली माँ जो भी अछि पकवान बनाती वो अपने बेटियों में बाँट दिया करती। बचा कुचा खाना एला को दे देती थी। अपने पिताजी की क्रोध के भय से वो अपने पिताजी से शिकायत करती नहीं थी | दिन बा दिन बढ़ते जुल्म को चुप चाप सेहेति रही |
फिर एक दिन उसके पिताजी किसी काम के सील सिले दूर सेहर को जाते हैं | कुछ ही दिनों में महामारी की बीमारी फैलने लगती है | इसके चपेटे में एला की पिताजी आते हैं और अपनी जान गवां बैठते हैं।
एला , बचपन से अपनी माँ को खो दी थी और अब पिताजी को। एला का जीवन मुश्किल भरा बन जाता है। इसी मौके की तलाश में थी उसकी सौतेली माँ। सारी जायदात अपने नाम कर ली एला की सौतेली माँ ने। और पूरे घर का काम एला से करवाने लगी। एला की सौतेली बेहेने भी उससे परेशान करने लगे। किस तरह एला को मुश्किल में डालें, ऐसी साजिस रचने और अंजाम देने में एला की सौतेली बहनों के दिन गुजरने लगे। एला को चूले के पास सोने की जगह दी। बिचारि एला चुप चाप चूले के पास सो जाती थी ।उसके ऊपर चूले से उड़ती राख(Cinder) गिरती रहती | इसी वजह से एला की सौतेली बेहने उसको सिंडिरेल्ला बुलाने लगे।
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समय तेजी से गुजरता है। सिंडिरेल्ला अभी १६ साल की युवती बन चुकी है। इतने लम्बे आरसे से वही पुराने कपडे वो पहनी हुयी है। उसकी सौतेली माँ उसकी सौतेली बेहेनो के लिए हर महीने नए नए कपडे बनवाती हैं लेकिन सिंडिरेल्ला के लिए नहीं। सिंडिरेल्ला की दोस्ती दो चूहों और एक चिड़िया से हो राखी है। वो हमेसा अपने खाने के हिस्से से थोड़ा सा हिस्सा उन् दो चूहों और चिड़िया खाने देती रहती है |एक दिन गाओं का नया चर्चा का विषय बना नए राज कुमार के बारेमे। राज कुमार के सौंदर्य और पराक्रम के बारेमे ढेरों चर्चे हो रहे थे। सिंडिरेल्ला की कानों में भी पड़ी। उसकी मन बहुत हुआ एक बार राज कुमार से मिले और उन्हें जी भर के देखे। परन्तु उसकी भाग्य के सामने वो मजबूर थी। वो अपनी ख्वाहिशों को भूल कर अपने घर के काम में ब्यस्त होने लगी।
एक शाम खबर मिली के राजकुमार शादी करना चाहते हैं और इसलिए वो स्वयम्बर रख रहे हैं। और इसलिए राजमहल पुरे कसबे की कुंवारी औरतों को आने के लिए न्योता दे रखा है। ये सुन कर सिंडिरेल्ला की दोनों बेहेने खुश हो गयी और अभी से सजने सवरने लगी।
स्वयम्बर के दिन , सिंडिरेल्ला का भी बहुत मन किया स्वयम्बर में हिस्सा लेने के लिए। लेकिन उसके पास ना तो उसकी सौतेली बेहेने जैसे अचे कपडे थे और ना ही उसकी पैरों में अच्छे जूते। फिर भी हिम्मत जुटा कर उसने अपनी सौतेली माँ और सौतेली बेहेने से स्वयंवर में जाने की इच्छा प्रकट की। ये सुन के उसकी सौतेली माँ और सौतेली बहनें मिलकर उसका खूब मजाक उड़ाया और स्वयम्बर की और चल दिए।
एक कोने में बैठी सिंडिरेल्ला रोटी रही। उसके दोस्त दो चूहें और चिड़िया मिल कर उसको हसानी की कोशिश बहुत किये लेकिन सिंडिरेल्ला उदास ही रही। वही पास में एक परी सारी बात सुन रही थी और उसके मन में दया आयी। वो सिंडिरेल्ला के सामने प्रकट हो कर उसकी मदद करने की आस्वासन दी। उसने तौफे के रूप में सिंडिरेल्ला को दुनिया की सबसे खूबसूरत जूते जो कांच के बने हुए थे और पूरे दुनिया में इकलौते थे वो दिया | सिंडिरेल्ला स्वयम्बर में जाने की ख्वाहिश बताती है। पारी सिंडिरेल्ला को एक कद्दू लाने के लिए केहेती है। सिंडिरेल्ला तुरंत एक कद्दू ला देती है। परी अपनी छड़ी घूमती है और वो कद्दू एक बोगी में तब्दील होजाता है। दो चूहें दो घोड़े में बदल जाते है। और वो चिड़िया एक कोचवान में बदल जाती है। सिंडिरेल्ला के फटते पुराने कपडे किसी राजकुमारी के नए कपडे जैसे बदल जाते हैं। कोई ना पहचान लें उससे इसलिए आँखों में पहने वाले नकाब भी देती हैं। सिंडिरेल्ला को परी रात के बारा बजने से पहले घर वापस आने के लिए केहेती है क्यों की उसकी जादू बारा के बाद ख़तम होजाएंगे और सारा चीज़ पहले जैसे बदल जायेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए सिंडिरेल्ला बोगी में सवार हो कर स्वयम्बर की और चल देती है।
स्वयंबर में लड़कियों की कतार में सिंडिरेल्ला आँखों में नकाब पहने खड़ी हो जाती है। राजकुमार का सौंदर्य देख सारी लड़कियां हक्की बक्की हो जाती हैं। राजकुमार एक एक लड़की को देखना सुरु करते हैं। सिंडिरेल्ला आँखों में नकाब पहने बावजूद बहुत खूबसूरत लगती हैं। राजकुमार का ध्यान सिंडिरेल्ला की और बढ़ते हैं और उनके साथ नाचने की गुजारिश करते हैं। सिंडिरेल्ला उनके साथ नाचती है। नाचने के दौरान सिंडिरेल्ला और राज कुमार ढेरों बातें करते हैं। और इस बीच सिंडिरेल्ला को ध्यान नहीं रहता कब समय रात के बारे बजने जा रहे हैं। जैसे ही सिंडिरेल्ला का ध्यान घडी की और जाता है वो देखती हैं रात के बारे बजने में सिर्फ कुछ मिनटें बचे हुए हैं। वो वहां से अपनी घर की और दौड़ती है। राजकुमार उसका पीछा करते हैं। सिंडिरेल्ला की एक पैर की जूती छूट जाती है। फिर भी वो वहां से चल देती है। राज कुमार के हाथ में सिंडिरेल्ला की छूटी हुयी जूती लगती है।
सिंडिरेल्ला अपने घर पहुँचती हैं। उसके नए कपडे पुराने कपड़ो में बदल जाते हैं। दो घोड़े वापस चूहों में बदल जाते हैं। कोचवान वापस चिड़िया में बदल जाती है। काफी लम्बे अरसे के बाद आज रात सिंडिरेल्ला राजकुमार के साथ बिताये हुए लम्हो को याद कर चेन की नींद सोती है।
अगले दिन राजकुमार पूरे कसबे में एलान करा देते हैं के वो कांच की जूती जिस किसी भी लड़की के पैर में बैठेगी वो उसीसे शादी करेंगे। ये सुन कर पूरे कसबे की लड़कियां दौड़ पड़ती है। लेकिन इस बार सिंडिरेल्ला जाती नहीं। एक भी लड़की का पाऊँ उस कांच के जूते में सही नहीं बैठता। राजकुमार के गुप्तचर बताते हैं के कसबे की एक ही लड़की सिंडिरेल्ला इस परीक्षा के लिए आयी नहीं।
तुरंत राजकुमार घोड़े पे सवार हो कर सिंडिरेल्ला के घर जाते हैं। सिंडिरेल्ला वो जूती पहनती है और वो सही बैठ जाता है। सिंडिरेल्ला वो दूसरी वाली जूती भी दिखती है। राजकुमार एलान कर देते हैं वो सिंडिरेल्ला से शादी करेंगे।
और इस शादी में पूरा क़स्बा मेहमान बनता है।
Cinderella Story in Hindi
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